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    मैं इंदौर का प्रभारी नहीं, प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं

  • December 21, 2024

    • गांधी हॉल में गांधी जैसा स्वरूप दिखाया मुख्यमंत्री ने
    • बाकी जिले मंत्रियों में बांट दिए, अभी इंदौर खाली छोड़ रखा है, मौका आने पर तय करूंगा किसे देना है यहां का प्रभार

    इंदौर। मुख्यमंत्री (CM) डॉ मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इंदौर (Indore) के प्रभारी (Incharge) नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि वह प्रदेश (state) के मुख्यमंत्री हैं, इसलिए किसी एक जिले के प्रभारी होने का सवाल ही नहीं उठता।



    शुक्रवार रात गांधी हाल परिसर में आयोजित लिट चौक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश के मुखिया के नाते मैं अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार दिया है। इंदौर का प्रभार अभी किसी को नहीं दिया है। इंदौर अभी खाली है। मैं भी यहां का प्रभारी नहीं हूं। मेरे किसी एक जिले का प्रभारी होने का सवाल ही नहीं है। भविष्य में इंदौर का प्रभार किसे दिया जाए, यह मौका आने पर बता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि वह पूरे मध्यप्रदेश को इंदौर जैसा बनना चाहते हैं पर इंदौर को मुंबई और दिल्ली से भी आगे ले जाना चाहते हैं। इंदौर हमारा रोल मॉडल है। उन्होंने कहा कि इंदौर में क्षमता है, यहां के लोग सामथ्र्यवान हैं और वे यदि ठान लें तो फिर उन्हें कोई रोक नहीं सकता। इंदौर को स्वच्छता के मामले में लगातार सातवीं बार देश में नंबर वन रखने में यहां के लोगों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है।

    छात्रसंघ चुनाव से ज्यादा महत्वपूर्ण है पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव
    मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में छात्रसंघ के चुनाव भले ही नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन प्रत्यक्ष प्रणाली से पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव समय पर हो रहे हैं और इनसे बड़ी संख्या में नया नेतृत्व उभरकर सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सबकी सहमति हो जाती है तो वह अगले शिक्षण सत्र से छात्रसंघ चुनाव कराने के मामले में भी मुझे कोई दिक्कत नहीं है।

    यह भी कहा मुख्यमंत्री ने
    पसंदीदा फिल्म- द साबरमती रिपोर्ट
    पसंदीदा अभिनेता -अमिताभ बच्चन
    पसंदीदा पुस्तक- द्वारका का सूर्यास्त
    पसंदीदा नाश्ता- पोहा-जलेबी
    पसंदीदा भोजन -दाल-बाफले
    पसंदीदा पर्यटन स्थल-धर्मराजेश्वर मंदसौर

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