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मैं आतंकवादी नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट में बोले केजरीवाल, अदालत ने सीबीआई को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) केस में सीबीआई (CBI) को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने शराब नीति मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी को लेकर अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की। इस मामले में अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। अदालत में केजरीवाल के वकील ने कहा कि केजरीवाल कोई आतंकवादी नहीं हैं, उन्हें जमानत क्यों नहीं दी जा रही?


केजरीवाल के वकीलों ने दी ये दलीलें
दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के वकीलों से पूछा कि उन्होंने जमानत के लिए सीधे हाई कोर्ट का रुख क्यों किया, जबकि उनके पास सेशन कोर्ट में इसके लिए अर्जी देने की रेमेडी उपलब्ध थी। केजरीवाल के वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के तमाम फैसले है जो हमें सीधे यहां आने का अधिकार देते हैं। हमारे ऊपर ट्रीपल टेस्ट की शर्तें लागू नहीं होती हैं। न कोई फरार होने का खतरा है। इस बात पर भी गौर किया जाए कि केस दर्ज होने के दो साल बाद गिरफ्तारी हुई है। सीबीआई ने विरोध करते हुए कहा कि वे सीधे यहां नहीं आ सकते। हमने चार चार्जशीट दाखिल की हैं।

अदालत में आज क्या-क्या हुआ?

अदालत में केजरीवाल की ओर से सीनियर वकील विक्रम चौधरी और अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। सिंघवी ने कहा, यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें ट्रिपल टेस्ट का दूर-दूर तक कोई आरोप लगा हो। इस मामले में चार लोगों को जमानत मिल चुकी है। सामान्य जमानत टेस्ट में, कौन सा टेस्ट उसे जेल में रखता है? उसे 2 साल बाद गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे ईडी केस में ट्रायल कोर्ट से जमानत मिली और उसके बाद ही मुझे गिरफ्तार किया गया। मैं कोई घोषित अपराधी या आतंकवादी नहीं हूं। मैं कुछ अंतरिम राहत मांग रहा हूं।’

सीबीआई की ओर से सीनियर वकील डीपी सिंह पेश हुए। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (केजरीवाल) गिरफ्तारी को चुनौती दी है, यह पहले से ही यहां लंबित है। जमानत के लिए अर्जी पहले ट्रायल कोर्ट में होनी चाहिए थी।
हाई कोर्ट ने पूछा कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष कोई जमानत याचिका नहीं है?
जवाब देते हुए सिंघवी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के 9 फैसले हैं।

कोर्ट बोला, आपको सेशल कोर्ट की पहली सुनवाई का लाभ मिलेगा। इस कोर्ट की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है।

सिंघवी बोले, सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं। इस मामले में अवैध गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका कोर्ट में पेंडिंग है।

डीपी सिंह ने कहा, ईडी मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित थी और उन्होंने ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की।

सिंघवी बोले, वहां मामला बिल्कुल अलग था। यह केस को टालने का तरीका है। कानून स्पष्ट है। जज के पास इसका अधिकार है।

चौधरी ने कहा, हमारा मुख्य तर्क यह है कि धारा 41ए का उल्लंघन किया गया है। ट्रायल कोर्ट ने कहा है कि 41ए का उल्लंघन नहीं किया गया है, इसलिए हम कह रहे हैं कि ट्रायल कोर्ट जाना निरर्थक होगा।

सिंघवी ने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कानून तय कर दिया है। यहां धारा 45 पीएमएलए शामिल नहीं है। जज आज ही इस पर सुनवाई कर सकते हैं। यह जमानत याचिका है। इन सभी फैसलों का क्या मतलब है अगर सीबीआई के वकील आते हैं और कहते हैं कि मुझे ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए।

कोर्ट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कितने मामलों में औचित्य के आधार पर ट्रायल कोर्ट जाने को कहा है? कानून स्पष्ट है, हमारे पास समवर्ती अधिकार क्षेत्र है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब आपके पास उपाय उपलब्ध है तो उच्च न्यायालयों को बाधित न करें। कोई कारण होगा कि आप सीधे हाईकोर्ट आए।

इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा। वहीं कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने निचली अदालत में गए बिना सीधे इस कोर्ट का रुख किया है। इस तर्क पर बाद में विचार किया जाएगा। केजरीवाल के वकीलों ने तर्क दिया कि यह जमानत याचिका है और इसलिए एक छोटी तारीख दी जानी चाहिए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 जुलाई को तय की है। केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका भी उसी दिन सूचीबद्ध है।

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