नई दिल्ली। केंद्रीय बजट (union budget) से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने रविवार को कहा कि वह मध्यम वर्ग (middle class) के दबाव से वाकिफ हैं। उन्होंने यह भी याद किया कि मौजूदा सरकार ने उन पर कोई नया कर (टैक्स) नहीं लगाया है। सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा (Lok Sabha) में 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। उम्मीद है कि सरकार आयकर सीमा (income tax threshold) बढ़ाएगी और मध्यम वर्ग के करदाताओं के अलावा अन्य लोगों को राहत देगी।
आरएसएस के मुखपत्र पाञ्चजन्य (Mouthpiece Panchajanya) द्वारा आयोजित एक समारोह में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, मैं भी मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखती हूं, इसलिए मैं मध्यम वर्ग की परेशानियों को समझ सकती हूं। मंत्री ने यहां मौजूद श्रोताओं को याद दिलाया कि मौजूदा केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग पर कोई नया कर नहीं लगाया है। उन्होंने हा कि पांच लाख तक की आय आयकर मुक्त है।
उन्होंने कहा, सरकार ने ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए 27 शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क विकसित करने और 100 स्मार्ट सिटी बनाने जैसे कई उपाय किए हैं। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार मध्यम वर्ग के लिए और अधिक कर सकती है, क्योंकि इसकी आबादी बढ़ रही है और अब यह काफी बड़ी हो गई है।
उन्होंने कहा, मैं उनकी (मध्यम वर्ग) समस्याओं को भलीभांति समझती हूं। सरकार ने उनके लिए बहुत कुछ किया है और वह आगे ऐसा करना जारी रखेगी। सीतारमण ने कहा कि सरकार 2020 से प्रत्येक बजट में पूंजीगत व्यय पर परिव्यय बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए इसे 35 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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