नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 104 साल (104 years) के बुजुर्ग (old) रसिक चंद्र मंडल (Rasik Chandra Mandal) को अंतरिम जमानत दे दी है. ये फैसला चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना (sanjeev khanna) की अगुवाई में हुई बेंच ने सुनाया. 1988 में एक हत्या के मामले में दोषी पाए गए मंडल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर अब उसे ट्रायल कोर्ट की शर्तों के आधार पर अस्थायी रूप से रिहा किया जाएगा.
रसिक चंद्र मंडल को 1988 के हत्याकांड में 1994 में दोषी ठहराया गया था. उस समय वे उम्र 68 साल के थे. उन्हें इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उन्होंने अपनी सजा को चुनौती देते हुए कई बार अदालत का दरवाजा खटखटाया. उनकी अपील को 2018 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था और फिर सुप्रीम कोर्ट में भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी.
2020 में बुजुर्ग ने सुप्रीम कोर्ट से रिहाई की मांग की
मंडल ने 2020 में सुप्रीम कोर्ट में एक नई अपील दायर की थी जिसमें उसने अपनी बुढ़ापे और बीमारियों का हवाला देते हुए समय से पहले रिहाई की मांग की थी. 99 साल की उम्र में उसने कोर्ट से राहत की गुहार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी और 2021 में इसे गंभीरता से लिया.
कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला
विकसित स्वास्थ्य समस्याओं और वृद्धावस्था को देखते हुए शुक्रवार (29 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मंडल को अंतरिम जमानत देने का फैसला किया. कोर्ट ने उसकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया. पश्चिम बंगाल राज्य की वकील आस्था शर्मा ने अदालत को बताया कि मंडल की शारीरिक स्थिति अभी पहले से बेहतर है और वे जल्द ही अपना 104वां जन्मदिन मनाएंगे. इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाया कि उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए.
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