इन्दौर। शहर (City) के 1065 किलोमीटर ( kilometer) क्षेत्र में नर्मदा (Narmada) की सप्लाय लाइनें (lines) बिछाने का काम एलएंडटी (L&T) कंपनी को दिया गया था और 7 साल में भी यह काम पूरा नहीं हो पाया। अब 984 किमी क्षेत्र में बिछाई गई नर्मदा लाइनों का हाइड्रो टेस्टिंग (Hydro testing) (प्रेशर के साथ पानी सप्लाय की जांच) का काम पूरा कर लिया गया है और साथ ही 30 हजार घरों में नए कनेक्शन जोड़े जा चुके हैं, जबकि 20 हजार घरों में कनेक्शन जोडऩे का काम जारी है।
शहर के 29 वार्डों के शहरी सीमा में शामिल हुए हिस्सों से लेकर कई अन्य क्षेत्रों में नर्मदा की सप्लाय लाइनें बिछाने का काम शुरूआती दौर में एलएंडटी और रामकी कंपनी की मदद से शुरू कराया गया था, लेकिन कई जगह तमाम बाधाओं के चलते न केवल काम में देरी हुई, बल्कि प्रोजेक्ट पूरी तरह पिछड़ गया। अब उसे जैसे तैसे पूरा कराने का काम किया जा रहा है। अफसरों के मुताबिक टोटल 1065 किमी क्षेत्र में सप्लाय लाइनें बिछाने का काम पूरा हो चुका है और अब जिन स्थानों पर नर्मदा की नई सप्लाय लाइनें बिछाई गई है, वहां हाइड्रो टेस्टिंग की जा रही है, ताकि भविष्य में वहां किसी प्रकार की दिक्कतें न आए। हाइड्रो ट्रेस्टिंग की प्रक्रिया पांच से सात दिनों की होती है, जिसमें नई बिछाई गई सप्लाय लाइनों में प्रेशर के साथ पानी सप्लाय किया जाता है, ताकि यह पता लग सके कि कहीं लिकेज या कोई अन्य दिक्कतें तो नहीं है। इसके साथ ही अगर लाइनों में कचरा या पत्थर आए हैं तो वह भी निकल जाए। कई जगह यह काम चल रहा है और आने वाले दिनों में इसे पूरा करने के साथ-साथ नए क्षेत्रों में नर्मदा प्रोजेक्ट की टीमें कनेक्शन देने का कार्य कर रही है। जिन क्षेत्रों में गंदे पानी की समस्याएं और पानी नहीं मिलने की समस्याएं हैं, वहां नए कनक्शन दिये जा रहे हैं और अब तक 30 हजार से ज्यादा कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
इन क्षेत्रों में चल रहा है कनेक्शन और टेस्टिंग का काम
नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव के मुताबिक गाड़ी अड््डा, बाणगंगा ईंट भटटा, सिलिकॉन सिटी, ग्रेटर वैशाली, राजेंद्रनगर से लेकर उसके आसपास के कई क्षेत्रंो में नए कनक्शन देने के साथ-साथ टेस्टिंग के कार्य भी चल रहे हैं। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में पानी की नई टंकियों का निर्माण कार्य हुआ है, वहां भी लाइनें बिछाने के काम पूरे कर लिए गए हैं। इनमें सीपी शेखर नगर से लेकर जयहिंद नगर, बाणगंगा आदि क्षेत्र शामिल हैं।
सिर्फ 20 प्रतिशत क्षेत्रों में ही हुआ सडक़ों का सुधार कार्य
लाइनें बिछाने के लिए बड़े पैमाने पर शहर के कई इलाकंो में सडक़ें खोदी गई थी ंऔर कंपनी को निर्देश दिए गए थे कि जिन स्थानों पर काम पूरे हो गए हैं, वहां सडक़ों के रेस्टोरेशन के कार्य समयावधि में पूरे किए जाएं। अधिकारियों के मुताबिक जिन स्थानों पर काम पूरे हो गए हैं, उनमें 20 प्रतिशत स्थानों पर सडक़ों का सुधार कार्य संबंधित फर्मों द्वारा किया गया है। कुछ जगह लाइनों की दिक्कतों और टेस्टिंग के चलते सडक़ों के सुधार कार्य शुरू नहीं कराए गए हैं।
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