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    रिक्शा चालक से कुख्यात गैंगस्टर बना हैदर, पुलिसवालों को नशीली बिरयानी खिलाकर अस्पताल से फरार

  • April 18, 2021

    केंद्रपाड़ा। शेख हैदर, ओडिशा को वो गैंगस्टर (Gangster) जिसने हाल ही में अस्पताल के वार्ड से भागकर सुर्खियां बटोरी। हालांकि, इसके 6 दिनों बाद ही उसे तेलंगाना से गिरफ्तार कर लिया गया था। अब कम ही लोग यह जानते होंगे कि हत्या (Murder) और अपहरण जैसे अपराधों के जरिए आतंक मचाने वाला ये शख्स कभी पेट पालने के लिए रिक्शा चलाया करता था। जेल पहुंचने से पहले शानदार जीवन जीने वाले हैदर के पास ये सुविधाएं अपराध के रास्ते ही आई थीं।

    58 साल के हैदर का नाम 1990 और 2000 के दौरान काफी सुना गया। इस समय उसने और उसकी गैंग ने फिरौती के लिए लोगों का अपहरण और हत्याएं बड़े स्तर पर की थीं। हैदर को दो हत्याओं के मामले में सजा हुई। लेकिन उसका अपराध नेटवर्क इतना मजबूत था कि वो जेल के अंदर रहकर भी पूरे ओडिशा में अपने खास साथियों के संपर्क में बना रहता था।

    ओडिशा के केंद्रपाड़ा में जन्मा हैदर 1980 के समय रिक्शा चलाने का काम करता था। केंद्रपाड़ा शहर के 66 साल के एक रिटायर्ड टीचर राबी पाटी के अनुसार, ‘शेख हैदर गरीब था और उसे परिवार को पालने और पैसा कमाने के लिए रिक्शा खींचना पड़ता था, लेकिन उसके स्थानीय अपराधी रबिन के साथ संपर्क उसे अपराध की दुनिया में ले गए और गैंगस्टर्स के बीच उसका कद बढ़ने लगा।’


    वो रबिन ही था, जिसने टीटो (सैयद उस्मान अली), सुलेमान और हैदर को सिखाया था। ये तीनों बाद में बड़े गैंगस्टर बने। टीटो कई सालों से जेल में है। केंद्रपाड़ा के वरिष्ठ वकील प्रदीप दास बताते हैं ‘जब टीटो, सुलेमान और हैदर रबिन से अपराध के तरीके सीख रहे थे, तो उनके बीच दुश्मनी हुई, जो रबिन के घर के पास ही उसकी हत्या का कारण बनी। यहां से टीटो गैंग का मुखिया बना। बाद में तीनों के बीच दुश्मनी के चलते सुलेमान की हत्या हुई।’

    हैदर तब और कुख्यात हो गया, जब उसने 1991 में अपराधी बुल्ला सेठी को केंद्रपाड़ा कोर्ट परिसर में मार गिराया। बाद में 1997 में वो पुलिस एनकाउंटर में घायल हो गया। वो और टीटो 1999 में एक बार फिर साथ आए, लेकिन सरकारी ठेकों को लेकर हुए विवाद के बाद 2 साल के अंदर फिर अलग हो गए। मई 2005 में हैदर के साथियों ने सुलेमान के छोटे भाई की हत्या कर दी। इस मामले में हैदर को जेल हुई। मार्च 2011 में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई।

    हालात ऐसे हो गए थे कि पुलिस और जेल विभागों को हैदर को समय-समय पर अलग-अलग जेलों में रखना पड़ा। पुलिस ने यह कदम हैदर का नेटवर्क तोड़ने के लिए उठाया था। उसे बीते महीने दर्द की शिकायत के चलते कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया था। यहां से वो पुलिसकर्मियों को बिरयानी में नशीली दवा मिलाकर खिलाने के बाद 10 अप्रैल को भाग गया। इस मामले में 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए थे। हैदर को पकड़ने के लिए ओडिशा और तेलंगाना पुलिस ने मिलकर ऑपरेशन चलाया।

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