वाराणसी । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल (Governor of UP) आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने कहा- मुझे यह जानकर खुशी हुई कि (I am Glad to Know that) 1.33 लाख से अधिक (Above 1.33 Lakh) एचडब्ल्यूसी (HWCs) टेली-परामर्श सेवाओं के हब के रूप में (As the Hub OF Tele-Consultation Services) काम कर रहे हैं (Are Working) । राज्यपाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की उपस्थिति में वाराणसी में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) के दो दिवसीय सम्मेलन का वर्चुअल उद्घाटन किया।
उन्होंने इन केंद्रों पर चिकित्सा पेशेवरों को स्थानीय आबादी के बीच विभिन्न बीमारियों की जांच के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया, इस बात पर बल दिया कि रोगों के उन्मूलन के लिए सहयोगात्मक प्रयास आवश्यक है। निक्षय-मित्र पहल की भावना और प्रगति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा- केंद्र, राज्यों, समुदायों और व्यक्तियों के सहयोगात्मक प्रयास से हम आसानी से 2025 तक टीबी-मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। आइए हम सब आगे आएं और टीबी रोगियों का समर्थन करने के लिए निक्षय मित्र बनें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डिजिटल स्वास्थ्य में भारत सरकार की प्रमुख पहल ई-संजीवनी के महत्वपूर्ण प्रभाव की प्रशंसा करते हुए विस्तार से बताया कि इसने रोगी के प्रति स्वास्थ्य दौरे में 21.59 किमी की बचत सफलतापूर्वक की है और प्रति स्वास्थ्य यात्रा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लागत के रूप में 941.51 रुपये की बचत हुई, जिससे देश भर में 7,522 करोड़ रुपये की बचत हुई। ये टेली-परामर्श एबी-एचडब्ल्यूसी पर उपलब्ध हैं। इस गति को बनाने और एचडब्ल्यूसी में प्रदान की जा रही 12 स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, उन्होंने आग्रह किया कि स्क्रीनिंग, निदान और उपचार के माध्यम से एकीकृत स्वास्थ्य और कल्याण पर व्यापक अभियान के लिए महीने में एक बार स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जाना चाहिए।
ए हेल्दी फ्यूचर फॉर ऑल है। सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य के निर्माण में स्वास्थ्य कवरेज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, यूएचसी यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि सभी लोगों को इन सेवाओं के लिए भुगतान करते समय वित्तीय कठिनाइयों का सामना किए बिना गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो। इसके महत्व के आलोक में, यूएचसी जी20 इंडिया हेल्थ ट्रैक में एक प्रमुख प्राथमिकता के रूप में भी शामिल है और 2030 के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए एक प्रमुख लक्ष्य के रूप में शामिल है। इस कार्यक्रम में राज्यों के कई स्वास्थ्य मंत्रियों ने भाग लिया। इनमें उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री दया शंकर मिश्रा, आंध्र प्रदेश की विदला रजनी, झारखंड से बन्ना गुप्ता, मध्य प्रदेश से प्रभुराम चौधरी, उत्तराखंड से धन सिंह रावत, उत्तर प्रदेश से रवींद्र जायसवाल, पश्चिम बंगाल से चंद्रिमा भट्टाचार्य, मणिपुर से सपम रंजन और सिक्किम से एम.के. शर्मा मौजूद रहे।
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