नई दिल्ली। हाल ही में मध्य प्रदेश के कुछ गांवों की तस्वीरें सामने आई थीं। इन तस्वीरों को लेकर दावा किया गया था कि यहां पंचायत चुनाव परिणामों में जीत दर्ज करने वाली महिला पंचायत सदस्यों की जगह उनके पति और अन्य रिश्तेदारों ने संवैधानिक पद की शपथ ली थी है। अब इसपर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि यह संविधान का मजाक बनाने जैसा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को जीती हुई महिला प्रतिनिधियों के पतियों और अन्य रिश्तेदारों द्वारा लिए गए शपथ को रद्द कर देना चाहिए। पंचायत के द्वारा चुनी गई महिला प्रतिनिधियों को ही फिर से शपथ दिलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में चुनी गई महिला प्रतिनिधियों की जगह उनके पतियों द्वारा शपथ लेना एक ट्रेजडी और मजाक दोनों है। विश्वास करना मुश्किल है कि आजादी के 75 साल के बाद संविधान और कानून का इस तरह से भी मजाक उड़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘इसका क्या मतलब हुआ कि मध्य प्रदेश सरकार कहती है कि वो एक एडवाइजरी जारी करेगी ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके? मध्य प्रदेश सरकार को इस शपथ ग्रहण को रद्द करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए की चुनी गई महिला प्रतिनिधि ही शपथ लें।
बता दें कि सागर और दमोह जिले के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि पंचायत चुनाव में जीती हुई महिला प्रतिनिधियों की जगह उनके पिता या पति ने शपथ ली है। वीडियो सामने आने के बाद सागर जिले के सीईओ ने कुछ दिनों पहले एक आदेश जारी किया था।
इस आदेश में जयसीनगर गांव के पंचायत सचिव आसाराम साहू को तुरंत निलंबित करने की बात कही गई थी। इस मामले में पंचायत सचिव ने कहा था कि महिलाएं शपथ समारोह में नहीं आई थीं और उन्होंने अपने रिश्तेदारों को भेजा था। जिसके बाद पुरुषों को शपथ लेने की इजाजत दी गई थी।
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