नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा और बवाल के मुद्दे पर संसद में सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव की वजह से लगातार कार्यवाही बाधित हो रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसको लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने सांसदों से कहा है कि सदन की मर्यादा बनाए रखें और कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दें। ऐसा नहीं होने पर वे कार्रवाई करेंगे। बार-बार हंगामा करने पर उन्होंने कहा कि सदन में कुछ सदस्यों का व्यवहार सदन की उच्च परंपराओं के विपरीत है।
नाराज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों ने अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने से इनकार कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को अपने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि जब तक सदन में उसकी गरिमा और अनुशासन कायम नहीं हो जाता है, वे अपने आसन पर नहीं जाएंगे।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा उनके लिए सदन की गरिमा सर्वोच्च है। सदन में मर्यादा कायम करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। विपक्षी दलों के सदस्यों का कहना है कि मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आकर बयान दें और बताएं कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है।
इस बीच सरकार ने विवादास्पद ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023’ को लोकसभा में पेश किया। विपक्ष ने इस विधेयक का जोरदार विरोध किया। विपक्ष का कहना है कि इस विधेयक का उद्देश्य दिल्ली सरकार को कामकाज करने से रोकना है, जबकि सरकार का कहना है कि विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में व्यवस्था को दुरुस्त रखना है।
मणिपुर के मुद्दे पर संसद में मानसून सत्र के शुरू से जारी गतिरोध अब भी बरकरार है। मंगलवार को विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी। मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के सदस्य नारेबाज़ी करते हुए वेल में आ गए थे और लोकसभा अध्यक्ष के आसन की तरफ पर्चे भी फेंके थे।
उन्होंने कहा, मंगलवार को दिल्ली सेवा बिल के दौरान जिस तरह का हंगामा किया गया, एक भी बात नहीं सुनने दी, ऐसे सदन का कामकाज नहीं हो सकता। बुधवार को ओम बिड़ला लोकसभा में नहीं गए। विभिन्न राजनीतिक दलों को सख्त चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, जब तक आप सदन को सुचारू नहीं चलने देंगे, मैं अंदर नहीं जाऊंगा।
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