चंडीगढ़ । पंजाब में (In Punjab) बुधवार को भाखड़ा और पोंग बांधों के द्वार खोले जाने से (Due to Opening Gates of Bhakda and Pong Dams) उफनती सतलुज और ब्यास नदियों के तट पर स्थित (Situated on the Banks of the Raging Sutlej and Beas Rivers) सैकड़ों गांव (Hundreds of Villages) जलमग्न हो गए (Submerged) । मूसलाधार बारिश के कारण दोनों जलाशयों में पानी का प्रवाह चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। पिछले तीन दिन में इनके जलग्रहण क्षेत्र, मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश हुई है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में लगी हैं। अधिकारियों ने कहा कि वर्षा में कमी से दोनों बांधों में पानी का प्रवाह मंगलवार की तुलना में काफी कम हो गया है।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करने वाले दोनों बांधों में पानी का स्तर कम करने के लिए इनके फ्लड गेट खोल दिए गए हैं। फ्लड गेट खुलने से मुख्य रूप से पंजाब के रोपड़, आनंदपुर साहिब और होशियारपुर जिलों तथा हिमाचल के कांगड़ा जिले में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। पंजाब में एक महीने के भीतर दूसरी बार गांवों में बाढ़ आई है। इससे खेतों में फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि भाखड़ा बांध से छोड़े गए पानी के कारण उनके आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र में कुछ गांव गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, “कृपया घबराएं नहीं और अफवाहों पर ध्यान न दें। हम खतरे वाले क्षेत्र से लोगों को हटा रहे हैं। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ पूरी सहायता की पेशकश कर रहे हैं।”
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, “पिछले तीन दिन से तीनों नदियों – ब्यास, सतलुज और रावी – में प्रवाह बहुत अधिक था। आज इसमें भारी गिरावट आयी है। हमने भाखड़ा और पोंग दोनों बांधों से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम कर दी है क्योंकि पंजाब और हिमाचल के निचले इलाकों में पहले से ही बाढ़ की समस्या थी।” जहां भाखड़ा बांध सतलुज नदी पर बना है, वहीं पोंग बांध ब्यास नदी पर और रणजीत सागर बांध रावी पर बना है। पंजाब-हिमाचल सीमा पर बने दोनों बांधों का प्रबंधन करने वाले बीबीएमबी के एक अधिकारी ने कहा, वर्तमान में भाखड़ा बांध के गोबिंद सागर जलाशय और पोंग बांध जलाशय में जल स्तर क्रमशः 1,677 फीट और 1,390 फीट से अधिक है।
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि पोंग बांध के पास कांगड़ा के निचले इलाकों से बुधवार तक 800 से अधिक लोगों को निकाला गया। बांध जलाशय में जल स्तर बढ़ने के कारण उनके गांवों का संपर्क टूट गया था। उन्होंने कहा, “निकासी अभियान अभी भी जारी है। और लोगों को निकाला जा रहा है।” पोंग बांध से मंगलवार को लगभग 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे कांगड़ा के इंदौरा और फतेहपुर के इलाकों में भीषण बाढ़ आ गई। आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि भाखड़ा बांध में जल स्तर अभी भी अधिकतम सीमा से तीन फीट नीचे है, जबकि पोंग बांध जलाशय में यह 1,390 फीट की सीमा को पार कर गया है।
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