कुछ दिनों पूर्व आयकर विभाग ने की थी छापामार कार्रवाई, जब्त किए दस्तावेजों के मुताबिक ही अघोषित आय का आंकड़ा ६०० करोड़ तक जाने की उम्मीद, बड़ी मात्रा में सोना भी मिला
इंदौर। हुंडी-चिट्ठी (hundi-chitti) के बड़े कारोबारी (businessman) के ठिकानों पर पिछले दिनों आयकर विभाग (Income tax department) ने छापामार कार्रवाई की थी और नकदी (cash) के साथ-साथ सोने-चांदी (Gold and Silver) के आभूषणों (Jewelleries) और अन्य दस्तावेजों को जब्त किया था। लगातार की गई पड़ताल के बाद विभाग को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है और अघोषित लेन-देन का आंकड़ा 600 करोड़ तक बताया जा रहा है। वहीं सैंकड़ों रजिस्ट्रियां जमीनों की भी हाथ लगी है। वहीं 17 किलो से अधिक सोना भी जब्त किया था, जिसमें से काफी मात्रा में सोना दुबई से लाया गया भी बताया है। परिवार में हुई शाही शादी के बाद ही आयकर विभाग के कान खड़े हुए और विभाग के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई। 29 मई को आयकर विभाग ने कटारिया समूह के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी और पता चला कि अघोषित आय की तुलना में बहुत कम कर जमा किया जा रहा था और रिटर्न में भी अधिकांश सम्पत्तियां दर्शाई नहीं गई।
दाल मिल के अलावा हुंडी-चि_ी का तगड़ा कामकाज कटारिया समूह का बताया जाता है। कुछ समय पूर्व परिवार में हुई शादी और उसके जश्र में करोड़ों रुपए खर्च किए गए। इसकी भनक आयकर विभाग को लगी, उसके बाद जांच-पड़ताल शुरू की गई। सूत्रों का कहना है कि शादी में जहां बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के उपहार दिए गए, तो बारातियों की आवभगत में कोई कमी नहीं छोड़ी गई और चुनिंदा मेहमानों को सोने की गिन्नियां भी उपहार स्वरूप दी गई। दिलखुश राज, खूबचंद, ज्ञानचंद, कैलाश कटारिया, जो कि माँ दुर्गा नगर और जानकी नगर में रहते हैं, दिलीप दाल मिल और कटारिया फाइनेंस के नाम से कारोबार है और साजन नगर में भव्य ऑफिस मौजूद है। फाइनेंस पर भी करोड़ों रुपया दिया जाता है। हुंडी-चि_ी का कारोबार इंदौर में वैसे भी मशहूर है। रियल इस्टेट से लेकर अन्य क्षेत्र के बड़े-बड़े कारोबारी हुंडी-चि_ी पर ही लाखो-करोड़ों रुपए ब्याज पर लेते हैं। आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई के बाद इस तरह के लेन-देन के ब्योरे जुटाए और जब्त दस्तावेजों की भी जांच की तो पता चला कि ब्याज पर करोड़ों रुपए देने का बड़ा कारोबार चल रहा है और लगभग 600 करोड़ रुपए तक की अघोषित आय सामने आई है, जिसकी तुलना में बहुत कम आयकर चुकाया गया है और समूह द्वारा जो रिटर्न दाखिल किए गए उनमें भी कई अचल सम्पत्तियों के साथ-साथ लेन-देन के अन्य ब्योरे उपलब्ध नहीं हैं। इतना ही नहीं, 17 किलो सोना भी जब्त किया गया, जिसमें से काफी मात्रा दुबई से लाए गए सोने की बताई जाती है। दरअसल, दुबई में सोना शुद्ध और सस्ता मिलता है, जिसके चलते कई लोग सोने की तस्करी भी दुबई से करते हैं। आए दिन इंदौर आने वाली फ्लाइट में ही सोने की तस्करी के मामले पकड़ाते रहे हैं। वहीं छापे के दौरान बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां भी मिली है। आयकर विभाग का अनुमान है कि ये रजिस्ट्रियां दिए गए लोन के बदले गारंटी के तौर पर रखी गई और कच्चे का हिसाब-किताब भी अधिक मात्रा में मिला है। यह भी उल्लेखनीय है कि कटारिया समूह का मुख्य कारोबार दाल का बताया जाता है। वहीं फाइनेंस के साथ-साथ जमीनी निवेश भी किया गया और उसके चलते ही आयकर विभाग ने जानकी नगर नवलखा स्थित दफ्तरों-घरों पर कुछ समय पूर्व छापामार कार्रवाई की और 25 करोड़ रुपए नकद, सोना-चांदी के अलावा कीमती सामान जब्त किया गया। इंदौर के अलावा रतलाम, खरगोन में भी विभाग ने छापे डाले थे। उसी वक्त 17 किलो सोना और हीरे-जवाहरात की ज्वेलरी सहित बड़ी संख्या में अचल सम्पत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए थे। कटारिया समूह को बड़ा हुंडी-चि_ी कारोबारी भी माना जाता रहा है।
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