क्रेमलिन। रूस के दक्षिणपूर्वी शहर खबरोव्सक में हजारों लोग सड़कों पर हैं। चीन से सटे इस शहर में एक गवर्नर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है जिसके खिलाफ दो हफ्ते से प्रदर्शन चल रहा है। 9 जुलाई को सर्जेई फुरगल को मॉस्को की जेल में डाल दिया गया था और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनकी जगह पर नए गवर्नर को भी नियुक्त कर दिया जबकि लोगों का कहना है कि सर्जेई के खिलाफ बिना आधार के आरोप लगाए गए हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सर्जेई को खबरोव्स्क लाकर सुनवाई की जाए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लोग गुस्से में इसलिए हैं क्योंकि उनके वोट का अपमान किया जा रहा है। दो हफ्ते से जारी प्रदर्शन वीकेंड पर और बढ़ गए। लोगों का मानना है कि उनके चुने हुए गवर्नर को हटाकर उनके वोट का अपमान किया जा रहा है। वहीं, पुतिन शासन के खिलाफ लोगों में नाराजगी पहले से भी है। खबरोव्स्क के अधिकारियों ने लोगों को कोरोना वायरस का डर दिखाकर प्रदर्शन रोकने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि गवर्नर को वापस लाकर ओपन और फ्री ट्रायल कराया जाए और यह तय होगा कि वह दोषी हैं या नहीं।
पिछले साल सितंबर में जब बिना ट्रायल के सर्जेई को हिरासत में लिया गया था तब भी काफी विरोध हुआ था। पुतिन ने सर्जेई को हटाकर LDPR पार्टी के मिखाइल डेगटरेव को कार्यकारी गवर्नर बना दिया। इस पर लोगों ने कहा है कि मिखाइल के पास अनुभव नहीं है और उनका क्षेत्र से कोई कनेक्शन भी नहीं है। वहीं, मिखाइल का कहना है कि विरोध प्रदर्शन से बहुमत के विचार साबित नहीं होते हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि विदेशी लोग इन प्रदर्शनों का समर्थन कर रहे हैं।
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इन दावों को तो खारिज किया कि इसके पीछे विदेशी हाथ है लेकिन कहा कि परेशानी खड़ी करने वाले लोगों और फर्जी विरोधियों के लिए ये प्रदर्शन पोषक का काम कर रहे हैं। रूस की जांच समिति का कहना है कि सर्जेई के खिलाफ 2005-05 में कई बिजनसमेन की हत्या का आदेश देने और कोशिश करना का आरोप तय किया गया है। आलोचकों का कहना है कि 2018 में पुतिन की पार्टी समर्थित उम्मीदवार को सर्जेई के हाथों हार मिलने से नाराज होकर यह कार्रवाई की गई है।
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