इन्दौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी खंडवा रोड कैंपस में विधि विभाग ने डेढ़ सप्ताह से सबका ध्यान अपनी ओर कर रखा है। विभागाध्यक्ष के बाद कुलपति की कार्यशैली पर एबीवीपी ने प्रश्नचिन्ह लगाया। इसके लिए जांच समिति ने छात्रों की शिकायतें दर्ज कर ली हैं, जिनकी संख्या 100 के पार हो रही हैं। समिति ने विधि विभाग अध्यक्ष डा अर्चना राका से शिकायतों पर तत्काल जवाब मांगा है।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी की विधि विभागाध्यक्ष के विरोध में मोर्चा खोल रखा है। विरोध प्रदर्शन का दौर भी जारी है। अब यूडीटी के अलग-अलग विभागों से समन्वय बनाने के लिए छात्रों को जोड़ा जा रहा है। इस मामले में 5 सदस्यीय जांच समिति, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश नरेंद्र सत्संगी, डॉक्टर वीबी गुप्ता, डॉ संगीता जैन, समन्वयक डॉ लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, डॉ किरण बाला आदि को शामिल किया गया है। इस समिति ने छात्रों से लिखित में शिकायतें ले ली हैं, जिनकी संख्या 100 को पार कर रही है। इन शिकायतों पर विधि विभाग अध्यक्ष डा अर्चना राका से तत्काल जवाब मांगा गया है। छात्रों की शिकायतों में अनुशासन की सख्ती , राका मैडम का सख्त रवैया प्रमुख है। ज्यादातर शिकायतें एक जैसी बताई जा रही हैं।
जवाब आने के बाद एक बार फिर समिति करेगी छात्रों से संवाद
1 सप्ताह में जांच समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपना है। सबसे पहले समिति में छात्रों से चर्चा कर लिखित में शिकायतें ले ली हैं। इन शिकायतों का जवाब विभागाध्यक्ष राका से तत्काल चाहा गया है। जवाब आने के उपरांत समिति एक बार फिर छात्रों से संवाद कर विषय की गंभीरता पर चर्चा कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
चर्चा यह भी… अंदरूनी राजनीति कलह
विधि विभाग से शुरू हुए घटनाक्रम में यूनिवर्सिटी प्रोफेसर और छात्रों की गुटबाजी ने राजनीति का रूप भी तेजी से लिया। इसी का नतीजा है कि कुलपति के इस्तीफे की मांग भी एबीवीपी ने कर दी, वहीं लंबे समय से विधि विभाग में डॉ अर्चना राका अपनी सेवाएं दे रही हैं। तकरीबन छात्रों की 20 बैच उनके सामने से गुजरी है। इतने लंबे अनुभव के बाद भी वे छात्रों की मंशा को समझ नहीं पाईं। आंदोलन को कमजोर कड़ी मानते हुए एबीवीपी ने कुलपति का विरोध शुरू कर दिया है। यूनिवर्सिटी के गलियारों में चर्चा यह है कि छात्रों के इस विरोध के पीछे से हवा देने वाले वह कौन लोग हैं और जो हवा दे रहे उनको अपने क्या लाभ दिख रहे हैं।
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