कलेक्टर के निर्देश पर अमला पहुंचा जांच करने, पानी की जांच होगी, कुछ मरीज डेंगू के भी मिले
इन्दौर। बेटमा (Betma) के समीप गांव में 35 ग्रामीणों के एक साथ बीमार होने के मामले को लेकर मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commision) ने कलेक्टर से जवाब मांगा है। दो से तीन दिन में ही 35 से ज्यादा मरीज न केवल बीमार हुए, बल्कि पेयजल में कुछ जहरीले पदार्थ की शिकायत करने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं हुई। अब स्वास्थ्य विभाग पानी की जांच करने के साथ-साथ मरीजों की जांच भी कर रहा है।
मानव अधिकार आयोग ने इंदौर जिले के बेटमा मे 35 मरीजों के एक साथ बीमार पडऩे की घटना पर कलेक्टर को तलब किया है। अधिकारिक जानकारी के अनुसार आयोग ने मध्यप्रदेश नियंत्रण प्रदूषण बोर्ड इंदौर क्षेत्रीय संचालक और कलेक्टर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। आयोग ने ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ की जा रही कार्रवाई की हर दिन रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। ज्ञात रहे कि हाल ही में ग्रामीणों ने पेयजल में कुछ जहरीले पदार्थ के मिलने की शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग के जिला मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल के अनुसार अचानक एक साथ बीमार हुए मरीजों की जांच की खबर मिली थी। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने बेटमा में टीम भेजकर सैम्पल लिए हैं। हालांकि जांच के दौरान कुछ मरीज डेंगू के भी सामने आ रहे हैं।
फैक्ट्री की गंदगी मिल रही पानी में
ग्रामीण क्षेत्र में बीमार हुए मरीजों का कहना है कि चम्बल नदी में धार की एक कंपनी का प्रदूषित जल छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण क्षेत्र का पेयजल प्रभावित हो रहा है और लोग बीमार पड़ रहे है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सैम्पल लिए जा रहे हैं। आला अधिकारियों के अनुसार जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved