रविवार को हुई बैठक में मिल मजदूरों और उनके परिवार ने लिया निर्णय
इंदौर। सरकार की वादाखिलाफी को लेकर हुकमचंद मिल के मजदूर बड़ा आंदोलन करने के मूड में नजर आ रहे हैं। इस रविवार को एक बार फिर मिल परिसर में बैठक होगी, जिसमें आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
मिल बंद होने के बाद से ही अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे मिल मजदूरों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। विधानसभा चुनाव के पहले आस बंधी थी कि इन्हें इनके हक का पैसा मिल जाएगा। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने वादा किया, लेकिन यह वादा भी आज तक पूरा नहीं हो पाया। अपना हक मिलने की आस लिए कई मिल मजदूर तो अब इस दुनिया में नहीं रहे। हर रविवार को ये मजदूर मिल परिसर में इकठ्ठा होते हैं और अपनी मांगों को लेकर आपस में चर्चा करते हंै। कल भी मजदूर और उनके परिवार के लोग परिसर में इकठ्ठा हुए। मजदूरों का कहना था कि मिल बंद हुए 30 सालों से अधिक हो गए हैं। मजदूरों का आरोप है कि 6 अगस्त 2007 को श्रमिकों के हित में हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया है, लेकिन इस फैसले का मध्यप्रदेश सरकार और नगर निगम पालन न करते हुए नए-नए हथकंडे अपनाकर न्यायालय को गुमराह कर रहे हैं। इंदौर मिल मजदूर संघ के प्रधानमंत्री हरनामसिंह धारीवाल ने बताया कि अब मजदूर चुप नहीं बैठेंगे और अपने हक के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे। इसकी रूपरेखा आगामी रविवार 7 फरवरी को होने वाली बैठक में तय की जाएगी।
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