आखिर कौन सही कौन गलत, 8 माह में 61, अगस्त में अब तक 17 डेंगू पीडि़त
इंदौर। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार 8 महीने में डेंगू बुखार के 61 मरीज ही सामने आए हैं। इनमें अगस्त में कल तक के 17 मरीज भी शामिल हंै, जबकि निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले डेंगू मरीजों का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से लगभग 5 गुना ज्यादा है। प्राइवेट डाक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग अगस्त के 20 दिनों में डेंगू बुखार के जितने मरीज बता रहा है, इतने तो निजी अस्पतालों में एक दिन में इलाज कराने आ रहे हंै।
मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल का कहना है कि वह निजी अस्पतालों की रेपिड टेस्ट रिपोर्ट को सही नहीं मानते हैं। वह सिर्फ महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट को ही सही मानते हैं। रेपिड टेस्ट में सिर्फ 10 मिनट, जबकि एलाइजा टेस्ट में 4 से 5 घंटे लगते हैं। सरकार डेंगू बुखार के मामले में सिर्फ एलाइजा टेस्ट को ही मान्यता देती है। यदि प्राइवेट डॉक्टर या निजी अस्पताल वालों के पास डेंगू बुखार वाले मरीज इलाज कराने आ रहे हैं तो नियमानुसार इसकी रिपोर्ट जिला स्वास्थ्य विभाग को देना जरूरी है। यह भी संभव है कि वह अन्य बीमारी अथवा बुखार को डेंगू बुखार बताकर इलाज कर रहे हों, वहीं प्राइवेट डॉक्टर्स का कहना है कि यदि निजी अस्पताल यह जानकारी नहीं देते हंै तो स्वास्थ्य विभाग वहां जाकर जांच क्यों नहीं करता है? स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में जनवरी 2023 से 20 अगस्त तक डेंगू मरीजों की कुल संख्या 61 है। इनमें 26 पुरुष, 35 महिला और 6 बच्चे शामिल हैं।
माह मरीज
जनवरी 1
फरवरी 16
मार्च 2
अप्रैल 3
मई 2
जून 4
जुलाई 16
अगस्त 17
कुल 61
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