उज्जैन। कोरोना के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी के साथ सर्दी खांसी और मौसमी बुखार का दौर भी चल रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में उपचार से पहले मरीजों को संदिग्ध मरीजों के साथ ही पर्ची के लिए कतार में लगना पड़ रहा है। इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ता जा रहा है। कोरोना के नए मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज भी 250 से ज्यादा नए मामले कोरोना के सामने आए हैं। इधर जिला अस्पताल की ओपीडी में सामान्य सर्दी जुकाम और बुखार के मरीज भी बड़ी संख्या में उपचार के लिए पहुँच रहे हैं। ओपीडी के समीप ही बोहरा वार्ड में बनी फीवर क्लिनिक पर कोरोना संदिग्ध मरीजों के उपचार और जाँच की व्यवस्था की गई है। यहाँ आने वाले मरीजों को ओपीडी के पर्ची काउंटर से पर्ची बनाने भेजा जा रहा है, वहीं जो मरीज अन्य बीमारियों का उपचार कराने आ रहे हैं।
ओपीडी से उन्हें भी उसी काउंटर से पर्ची बनवाने के लिए कतार में लगना पड़ रहा है। ऐसे में फीवर क्लिनिक पर कोरोना के संदिग्ध मरीज पर्ची के लिए सामान्य मरीजों के साथ कतार में लग रहे हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति वास्तविक तौर पर कोरोना संक्रमित हुआ तो वह ओपीडी के पर्ची काउंटर पर लगने वाली लंबी भीड़ में शामिल कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। अग्रिबाण ने एक सप्ताह पहले भी जिला अस्पताल प्रबंधन को इसके लिए चेताया था तथा दोनों तरह के मरीजों की पर्ची बनाने के लिए अलग-अलग काउंटरों की आवश्यकता बताई थी। मामले लगातार बढ़ रहे हैं फिर भी सरकारी अस्पताल में इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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