इंदौर। यू तो इस समय अस्पतालों में लापरवाई के कई किस्से सुनने को मिल रहे। लेकिन भवरकुवा के निजी अस्पताल ने तो सारी हदें पार कर दी। पति के इलाज के लिए आई एक महिला के महंगे इलाज के नाम पर पहले जेवर बिक़वाये फिर लाखो का बिल थमाकर मृत पति का शव रोक लिया। वो तो गनीमत रही कि जनप्रतिनिधियों और पुलिस ने हस्तक्षेप किया तब शव दिया।
दरअसल मूल रूप से सतना के रहने वाले दंपति नरेश सिंह और उनकी पत्नी सपना इंदौर के सुंदर नगर में रहकर छोटा मोटा काम करते थे। 6 अप्रेल को नरेश की तबियत बिगड़ी तो भवरकुवा के एप्पल अस्पताल में भर्ती कराया। सपना ने शुरुआती इलाज के लिये 3 लाख में जेवर बेचे और अस्पताल में रुपये जमा कर दिये। इसके बाद भी वह दवाई गोलियां रुपयों का प्रबंध कर लाती रही। 25 अप्रेल को उसने विधायक रमेश मेंदोला से भी संपर्क किया। मेंदोला ने मदद का भरोसा देते हुए मुख्यमंत्री इलाज कोस तक फ़ाइल भी पहुचाई। इसी बीच आज पति नरेश की मौत हो गई। किसी कारणवश इलाज कोष की राशि मे लेट लतीफी हो गई और समय पर राशी स्वीकृत नही हुई। आज नरेश की मौत के बाद अस्पताल वालो ने लाखों का बिल दोबारा उसकी पत्नी को थमा दिया और कहा कि जब तक बिल नही चुकावोगे शव नही मिलेगा। इसके बाद मदद के लिए सांसद लालवानी के करीबी पंकज फतेचंदानी, गगन खुबानी और भवरकुवा थाना प्रभारी संतोष दूधी पहुचे और महिला को पति का शव दिलाया।
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