उज्जैन। महाकाल वन चरण 2 के निर्माण 31 जुलाई तक कैसे पूरे होंगे यह एक बड़ा प्रश्न है। क्योंकि अभी तक मात्र 10 प्रतिशत काम ही हो पाया है। ऐसे में विधानसभा चुनाव के पूर्व महाकाल वन चरण 2 के कार्यों का लोकार्पण मुख्यमंत्री नहीं कर पाएँगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले दिनों गुड़ी पड़वा पर उज्जैन आए थे और उन्होंने इस दौरान महाकाल वन चरण 2 के निर्माण की प्रगति की चर्चा की थी और निर्देश दिए थे कि हर हाल में 31 जुलाई तक सभी काम पूर्ण करा लिए जाएंगे, लेकिन हकीकत कुछ और है धरातल पर देखा जाए तो महाकाल वन चरण 2 के अंतर्गत कुल 23 कार्य पूरा करने हैं। इनमें सबसे बड़े काम महाराज वाड़ा का रिनोवेशन इसे हेरिटेज होटल धर्मशाला के रूप में उपयोग किया जाएगा।
वहीं महाराज वाड़ा के पास जहाँ पुराना महाकाल थाना था वहाँ लैंडस्कैपिंग का कार्य किया जाना है। इसके अलावा सरस्वती शिशु मंदिर के पीछे भी कई काम होने हैं। इसके अलावा साज सज्जा इलेक्ट्रिफिकेशन अन्य कई काम है। अभी वर्तमान में 10 प्रतिशत काम भी पूरे नहीं हो पाए हैं। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि यहाँ पर प्रभारी अधीक्षण यंत्री के रूप में कार्यरत नीरज पांडे के व्यवहार से स्मार्ट सिटी के सभी इंजीनियर कर्मचारी परेशान हैं, वहीं ठेकेदार भी उनके रवैए से परेशान है। बार-बार वह ड्राइंग डिजाइन बदलते हैं और किसी भी काम को गति से नहीं चलने देते हैं, ऐसे में सभी दिक्कत का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के जाने के बाद जब निगमायुक्त रोशन सिंह ने सभी ठेकेदारों को बुलाया तो उन्होंने एक स्वर में प्रभारी अधीक्षण यंत्री के रवैया की शिकायत की। यहाँ तक की स्मार्ट सिटी के सीईओ भी उनके रवैए से परेशान हैं लेकिन उन्हें अभी तक हटाया नहीं गया है। निगम आयुक्त द्वारा इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है, ऐसे में स्मार्ट सिटी के काम समय पर कैसे पूरे होंगे यह कहा नहीं जा सकता है। निगमायुक्त रोशन सिंह से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 31 जुलाई तक हर हाल में काम पूरे कराए जाएँगे, इसके लिए कोई बदलाव भी करना होगा तो वह हम करेंगे।
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