भोपाल। प्रदेश में कृषि जमीनों के डायवर्शन का ऑनलाइन रिकॉर्ड ही अपडेट नहीं हो रहा है। हजारों मामले ऐसे हैं, जिनका डायवर्शन हो गया है, लेकिन उनका ऑनलाइन रिकॉर्ड आज भी अपडेट नहीं हुआ है। इन जमीनों पर वर्तमान में पेट्रोल पंप, वेयर हाउस और व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन हो रहा है। इस बारे में राजस्व विभाग को जानकारी ही नहीं है।
विभागीय जानकारी अनुसार, पहले जमीनों के डायवर्शन का ऑनलाइन रिकॉर्ड डायवर्शन शाखा में संधारित और अपडेट होता था, लेकिन कुछ समय से इस शाखा को खत्म कर दिया गया है। वर्तमान में डायवर्शन का रिकॉर्ड तहसीलदारों को अपडेट करवाना है। सूत्रों की मानें तो तहसील कार्यालयों में काफी समय से डायवर्शन का रिकॉर्ड अपडेट ही नहीं किया गया है, जबकि डायवर्शन के बाद जमीन कई बार बिक चुकी है। इसके बाद इन जमीनों पर कहीं वेयर हाउस तो कहीं पेट्रोल पंप और कहीं अन्य प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इसकी जानकारी राजस्व अमले को नहीं है, क्योंकि उनके ऑफिशियल रिकॉर्ड में जानकारी ही अपडेट नहीं है।
शासन को राजस्व का नुकसान
उधर, शासन और प्रशासन ने राजस्व अमले को राजस्व वसूली का टारगेट दिया गया है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि जब राजस्व विभाग को जमीन के वास्तविक मालिक और इस्तेमाल की जानकारी ही नहीं है तो राजस्व की वसूली किससे और कैसे की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो जिले में ऐसे हजारों केस हैं, जिनका खसरा, नामांतरण आदि के बारे वर्तमान स्वामी के बारे में राजस्व विभाग को जानकारी ही नहीं है। इससे न केवल शासन को राजस्व ही हानि हो रही है, बल्कि स्वामित्व अंतरण की स्थिति में होने वाली रजिस्ट्री पर भी सही स्टाम्प ड्यूटी अदा नहीं हो रही है। इससे भी शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
राजस्व अमला अन्य योजनाओं को प्राथमिकता दे रहा
विभागीय सूत्र बताते हैं कि जिले का राजस्व अमला सरकार की अन्य योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा करने में लगा है, इसलिए राजस्व संबंधी कार्यों के लिए समय ही नहीं दे पा रहा है। उधर, नामांतरण, बंटाकन आदि कार्यों के लिए भी लोगों को तहसील कार्यालयों में परेशान होते देखा जा सकता है। उनके ये कार्य नहीं हो पा रहे हैं, इससे भी शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
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