नई दिल्ली: अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं. ऐसे में विदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के सामने अनिश्चितता का माहौल है. गौरतलब है कि अगर अमेरिका में आर्थिक मंदी आती है तो वहां रहने-खाने से लेकर ट्यूशन फीस एवं अन्य के दामों में वृद्धि आएगी. अमेरिका पहले से ही पढ़ाई के मामले में सबसे महंगे जगहों में से एक है, इन हालात में ट्यूशन फ़ीस एवं रहने का ख़र्च बढ़ने से छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
एक मीडिया रिपोर्ट में विदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को रहने में मदद करने वाली कंपनी के CEO के हवाले से लिखा गया है कि, ‘यूएस में मंदी आने से कम्पनियों में बड़े स्तर पर छंटनी होगी, जिससे वहां नई नौकरियां मिलने की संभावनाएं कम हो जाएंगी, ऐसे में अमेरिका जाकर इतने पैसे ख़र्च करके पढ़ने का मक़सद ही सफल नहीं हो पाएगा.’
वहीं विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए मदद करने वाली कंपनी के CEO के हवाले से बताया गया है कि, ‘फ़िलहाल तो मंदी का कोई भी असर देखने को नहीं मिल रहा है. हांलाकि छात्रों के बीच चिंता ज़रूर बनी हुई है. कुछ छात्रों ने अभी से नौकरियां देखना शुरू कर दी है, जिससे उनका एच-1 बी वीज़ा बना रहे.’
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