नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (Indian meteorological department) ने दावा किया है कि अगले तीन महीने गर्मी बहुत सताएगी. हालांकि उसके बाद के चार महीने में खूब बारिश भी होगी. मौसम विभाग (meteorological department) ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि इस साल सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को इस संबंध में प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि बारिश को प्रभावित करने वाली अल नीनों की आशंका ना के बराबर है.
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारत में चार महीने (जून से सितंबर) को मानसून सीजन कहा जाता है. इस साल पूरे सीजन में खूब बारिश होगी और सामान्य से अधिक होगी. उन्होंने मौसम विभाग की ओर से किए पूर्वानुमान का हवाला देते हुए कहा कि इस साल 87 सेंटीमीटर के दीर्घावधि बारिश का औसत का 105 प्रतिशत से भी अधिक रहने की संभावना है. उन्होंने कहा कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में कहीं भी अलनीनो वाली परिस्थिति नहीं बन रही.इसकी वजह से इस साल बारिश में कोई बाधा नजर नहीं आ रही. हालांकि उससे पहले देश में भीषण गर्मी पड़ने की भी संभावना है.
आईएमडी चीफ के मुताबिक इस समय देश के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी पड़ रही है. अगले तीन महीनों में गर्मी का स्तर और भी बढ़ सकता है. ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से उन्होंने बिजली ग्रिड पर दबाव बढ़ने की भी संभावना जताई है. कहा कि तेज गर्मी की वजह से जलाशयों में पानी की कमी हो सकती है और कई इलाकों में सूखे जैसी स्थिति बन सकती है.हालांकि इस परिस्थिति में बारिश का पूर्वानुमान काफी राहत देने वाला है. मौसम विभाग के मुताबिक बारिश केवल कृषि क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि शहरों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है.
उन्होंने बताया कि इस समय कृषि क्षेत्र पर देश की लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी निर्भर है. इसकी वजह से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान करीब 18.2 प्रतिशत है. कृषि के अलावा बिजली उत्पादन और पेयजल की व्यवस्था में भी बारिश का बड़ा योगदान है. इसी क्रम में जलवायु वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि समय के साथ देश में बारिश के दिनों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है. हालांकि भारी बारिश वाले दिनों की संख्या बढ़ रही है. इसकी वजह से ही कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है तो कुछ इलाके सूखे की चपेट में आ जा रहे हैं.
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