• img-fluid

    भोपाल का कैसे होगा विकास

  • December 09, 2020

    • अब तक पूरा नहीं हुआ मास्टर प्लान 2031

    भोपाल। राजधानी भोपाल का मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में जाता हुआ नजर आ रहा है। इसकी बड़ी वजह ये है कि इसके ड्राफ्ट पर बेहद सुस्त रफ्तार से काम किया जा रहा है। अभी तक बड़ा तालाब और तमाम सड़कों को लेकर एक राय नहीं बन पाई है और ड्राफ्ट में मौजूदा 19 सड़कों को निरस्त कर दिया गया है। राजधानी भोपाल का नया मास्टर प्लान बनाया जाना है। उसके मुताबिक शहर का विकास और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। मास्टर प्लान के ड्राफ्ट के आधार पर आगे का खाका तय होगा। लेकिन काम सुस्ती से चल रहा है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के डायरेक्टर तक फाइनल रिपोर्ट भेजने के लिए अब सिर्फ एक महीने का समय बचा है। रिपोर्ट मिलने के बाद विभाग का डायरेक्टर शहर के सांसद, जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे और फिर शासन को उसकी सिफारिश भेजेंगे। मास्टर प्लान के ड्राफ्ट पर सुनवाई हुए दो माह का समय बीत चुका है। लेकिन अब तक कमेटी की रिपोर्ट फाइनल नहीं हो पाई है।

    सुनवाई पूरी
    दावे आपत्ति पर सुनवाई पूरी हो गई है। इस दौरान कई विवादित मुद्दे सामने आए थे। प्लान के ड्राफ्ट में मौजूदा प्लान की 19 सड़कों को निरस्त कर दिया गया, जबकि 7 के ले आउट बदल दिये गए हैं। कांग्रेस ने कहा मास्टर प्लान में इसलिए देरी की जा रही है क्योंकि सरकार कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। इसलिए मास्टर प्लान में लीपापोती और खेल किया जा रहा है।

    एक राय नहीं
    बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया के साथ केरवा और कलियासोत की हरियाली वाले क्षेत्र में किए गए प्रावधानों और कुछ सड़कों के अलाइनमेंट को लेकर समिति के सदस्यों में एक राय नहीं बन पा रही है। अब मास्टर प्लान पर भी सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी का कहना है मास्टर प्लान में जो गलतियां कांग्रेस सरकार के दौरान हुई थीं उसे सुधारा जा रहा है। कांग्रेस ने अपने फायदे के लिए जमीनों का लैंड यूज चेंज किया था। लेकिन अब बीजेपी की सरकार ऐसा होने नहीं देगी। जल्द ही शहर के विकास के लिए मास्टर प्लान को लागू किया जाएगा।

    Share:

    राजनीतिक दलों ने किया किसान आन्दोलन का नुकसान

    Wed Dec 9 , 2020
    – सर्वेश कुमार सिंह गैर राजनीतिक स्वरूप के साथ शुरू किसान आंदोलन को 24 पार्टियों ने समर्थन देकर इसे राजनीतिक रंग दे दिया है। इन पार्टियों के साथ आने से किसान आंदोलन को बड़ा नुकसान हुआ। जिस आन्दोलन के साथ और पक्ष में विचारधारा से ऊपर उठकर लोग जुड़ रहे थे, वे अब विपक्ष की […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved