वॉशिंगटन। प्राचीन माया सभ्यता के मंदिर और कई पुरातत्व स्थल सेंट्रल अमेरिका के वर्षावनों में स्थित हैं। पत्थरों पर उकेरे गए माया सभ्यता से जुड़े शाही नेताओं के रेकॉर्ड भी यहां देखे जा सकते हैं। सबूतों और अध्ययन से पता चलता है कि माया सभ्यता में संपन्नता थी लेकिन उनके पास दैनिक जीवन के लिए जरूरी एक बुनियादी चीज की कमी थी और वह था- नमक। तटीय इलाके नमक का प्रमुख स्रोत थे जहां आज भी भारी मात्रा में प्राकृतिक नमक पाया जाता है। तो आखिर माया सभ्यता को नमक कहां से मिलता था?
लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी में माया पुरातत्वविद हीथर मैककिलोप और उनकी टीम ने खुदाई में ‘सॉल्ट किचन’ की खोज की है, जहां मिट्टी के बर्तनों में नमकीन पानी को उबाला जाता था। पानी के नीचे इस खोज से पता चला है कि माया सभ्यता के ‘सॉल्ट वर्कर्स’ ने उस दौर में शहरों के भीतर नमक की सप्लाई कैसे की। खोज में उन्हें सैकड़ों लकड़ी के नमूने, मिट्टी के बर्तनों के ढेर और छप्पर के घर मिले हैं।
ढेर सारे बर्तनों से भरी पुरातत्वविद लैब
एलएसयू डिपार्टमेंट ऑफ जियोग्राफी एंड एंथ्रोपोलॉजी में थॉमस एंड लिलियन लैंड्रम एलुमनी प्रोफेसर मैककिलोप ने कहा कि पुरातत्वविद लैब ढेर सारे बर्तनों से भरी हुई है। लेकिन वे लकड़ियों को गीला रख रहे हैं ताकि वे सूखकर खराब न हों। उन्होंने कहा कि मैंने Ek Way Nal की प्रत्येक इमारत से प्राप्त लड़की के सैंपल्स को रेडियोकार्बन डेटिंग के लिए भेजने का फैसला किया है। ताकि यह पता किया जा सके कि क्या लकड़ियां और समुद्र तल पर पाई गईं कलाकृतियां और इमारतें एक ही समय की हैं।
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