हुकमचंद पॉली क्लिनिक में मात्र 5 कुर्सी और 2 बेड लगा रखे थे
इंदौर। कल इंदौर में कोरोना वैक्सीन का ड्राय रन तो हो गया, जिसमें टीका लगवाने वालों की सीमित संख्या थी, लेकिन जब वास्तव में टीका लगाना शुरू होगा और उसके बाद उन्हें ऑब्जर्वेशन रूम में आइसोलेट करना होगा तो इतनी संख्या में कैसे टीके लगाने वालों को रखा जा सकेगा?
दरअसल जिस हिसाब से कल ड्राय रन किया गया, उसमें टीका लगवाने वाले व्यक्ति को अपना परिचय और सारी औपचारिकताएं पूरी कर 12 से 15 मिनट में टीका लगा दिया जाएगा। उसके बाद उस व्यक्ति को आधे घंटे के लिए ऑब्जर्वेशन रूम में आइसोलेट करना पड़ेगा। चूंकि कल तो बहुत ही कम संख्या में टीका लगवाने वाले ड्राय रन में शामिल थे, लेकिन जब टीकाकरण शुरू होगा तो इनकी संख्या एक केन्द्र पर करीब 100 तक पहुंच जाएगी। नियमानुसार टीका लगवाने वाले सभी लोगों को आधे घंटे तक वहां रहना जरूरी है। ऐसे में इतने सारे लोगों की व्यवस्था कैसे की जा सकेगी। कल हुकमचंद पॉली क्लिनिक में जो ट्रायल किया गया, उसमें ऑब्जर्वेशन रूम में मात्र 5 कुर्सियां रखी गई थीं और दूसरे कमरे में दो बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर थे। विभाग के ही लोगों के पास इसका जवाब नहीं था, क्योंकि वैक्सीनेशन के लिए जो सेंटर बनाए जा रहे हैं, वहां एक समय में कम से कम 50 से 75 व्यक्तियों को ठहराने की व्यवस्था करना होगी।
टीका लगवाने आने वालों से नहीं मिलने देंगे
एक और सावधानी वैक्सीनेशन सेंटरों पर रखी जाएगी, जिसमें जिस व्यक्ति को टीका लगा दिया गया है तो उससे टीका लगवाने आए व्यक्ति को मिलने नहीं दिया जाएगा, ताकि वे टीके संबंधी बात एक-दूसरे से नहीं कर सकें। हो सकता है जिसने टीका लगवा लिया है वो घबरा जाए और टीके के बारे में नए व्यक्ति को गलत जानकारी दे दे। डॉक्टरों का कहना है कि टीका लगवाने के बाद घबराहट हो सकती है, लेकिन इसमें किसी प्रकार का खतरा नहीं रहेगा।
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