नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार बेरोजगारी के मुद्दे को कमजोर करना चाहती है। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में खाली दस लाख पदों को अगले साल के अंत तक भरने की कार्ययोजना तैयार की गई। पीएम ने खाली पद भरने के लिए पदोन्नति, बैकलॉग सहित सभी विकल्पों के इस्तेमाल के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री ने बीते जून में खुद सरकार के विभिन्न विभागों में दस लाख खाली पद भरे जाने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद मंत्रालयों और विभागों को रिक्त पदों को भरने के लिए कार्ययोजना बना कर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। मंत्रिपरिषद की बैठक में इसी पर विस्तार से चर्चा हुई।
डीओपीटी सचिव ने दिया प्रजेंटेशन
सूत्र के अनुसार, बैठक में डीओपीटी सचिव ने प्रजेंटेशन के जरिये खाली पदों को भरे जाने की कार्ययोजना पेश की। तय किया गया कि दस लाख रिक्त पद तीन से चार चरणों में दिसंबर 2023 तक भरे जाएंगे। प्रजेंटेशन में अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में रिक्त पदों को भरे जाने की अलग-अलग योजना के बारे में जानकारी दी गई है।
एक भी पद खाली न रहे
पीएम ने कहा, अगले साल के अंत में किसी भी विभाग या मंत्रालय में एक भी पद रिक्त नहीं रहना चाहिए। इसके लिए न सिर्फ मिशन मोड पर काम हो, बल्कि त्रैमासिक समीक्षा भी हो। पीएम ने बैकलॉग का ध्यान रखने व जरूरत होने पर पदोन्नति देनेे के भी निर्देश दिया।
कहां कितने पद खाली
दो वर्षों से केंद्रीय सेवा में नियुक्ति लगभग शून्य है। कई सालों से कम नियुक्तियों से रेलवे में तीन लाख पद, डाकतार विभाग में 90,000, राजस्व विभाग में करीब 78,000 पद तो गृह मंत्रालय में 1.30 लाख पद खाली हैं। सेना में इसी साल चालीस हजार पद भरे जाने की योजना है।
…ताकि न बन पाए मुद्दा
आगामी चुनाव में विपक्ष महंगाई के साथ बेरोजगारी को अहम मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि महज एक साल में दस लाख नौकरियां उपलब्ध होने के बाद बेरोजगारी मुद्दा खत्म हो जाएगा। महंगाई के मोर्चे पर सरकार जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों में नियंत्रण के लिए अभी से प्रयास कर रही है। सरकार की कोशिश महंगाई के मोर्चे पर भी सफलता हासिल कर विपक्ष को मुद्दाविहीन बनाने की है।
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