इंदौर। देश के सबसे बड़े महानगर इंदौर (Indore)में बिजली कंपनी (electricity company ) मेंटेनेंस (maintenance) के नाम पर रोज बत्ती गुल कर रही है। सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि इंदौर शहर (Indore)में बिजली कंपनी (electricity company ) के पास मेंटेनेंस के सामान ही पर्याप्त नहीं है। जोन इंजीनियर साधन को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं।
इंदौर जैसे महानगर में अगर बिजली कंपनी के पास पर्याप्त मेंटेनेंस के साधन उपलब्ध नहीं है तो बाकी अन्य शहरों की हालात क्या होंगे, यह समझे जा सकते हैं। इंदौर बिजली कंपनी के पास इस समय डीपी को मेनलाइन से कनेक्ट करने के लिए केबल ही नहीं है, वहीं मीटरों की कमी से भी कंपनी जूझ रही है। दरअसल बिजली कंपनी पिछले तकरीबन 2 महीनों से मेंटेनेंस के नाम पर शहर में सिर्फ पेड़ों की छटाई कर रही है, जबकि हर दिन जून में रोजाना कई बिजली के मीटर खराब और जलने की शिकायत आने पर वह समय पर बदले नहीं जा रहे हैं। इससे एवरेज बिल देना कंपनी की मजबूरी बन जाता है,जो कि उपभोक्ता व कंपनी दोनों के लिए नुकसानदायक है।
अनुभवी लाइनमैन का अकाल
बिजली कंपनी (electricity company ) के पास अपना खुद का मेन पावर पहले से ही सीमित है और लगातार रिटायरमेंट हो रहे हैं। इंदौर शहर (Indore City)में अनुभवी लाइनमैन की संख्या30- 35 के बीच भी नहीं है। इसके कारण कंपनी मेंटेनेंस व अन्य कार्यों के लिए आउटसोर्स के कर्मचारियों पर ही निर्भर रहती है, जोकि उपभोक्ता को बेहतर सेवाएं देने में सबसे बड़ा बाधक होता है, लेकिन कंपनी के पास आउटसोर्स के कर्मचारियों के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
क्या कहते हैं जवाबदार
केवल और मीटर की शॉर्टेज है। मांग के अनुसार पूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यालय व सभी जानकारियों से अवगत करा दिया जा चुका है। जल्द ही पर्याप्त व्यवस्था होने की उम्मीद है।
कामेश श्रीवास्तव, शहर अधीक्षण यंत्री इंदौर
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