रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा की चौकी है लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन पर, लेकिन रात में नहीं रहते हैं अधिकारी और जवान
इन्दौर। लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन पर लोडिंग वाहन और इंटरसिटी एक्सप्रेस में हुई टक्कर के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी रेलवे सुरक्षा बल आरोपियों तक पहुंच नहीं पाया, जबकि लोडिंग वाहन पर नंबर से आरोपियों की पहचान भी हो गई है। घटना को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों से जवाब मांगा हैं। बताया जा रहा है कि यहां रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल की चौंकी भी बनी है, लेकिन रात में वहां कोई नहीं रहता।
शुक्रवार की रात 9 बजे हुई इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। अगर ट्रेन स्पीड में होती तो वह पटरी से उतरकर पलट सकती थी और यात्रियों की जान पर बन आती। लोडिंग वाहन प्लेटफार्म पर रात में कैसे आया और कैसे पटरी पर गिर गया, इसको लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं, जबकि स्टेशन की सुरक्षा के लिए यहां जवानों को तैनात किया जाता है। आसपास के लोगों का कहना है कि रात में यहां कोई नहीं रहता और प्लेटफार्म असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है। जो लोडिंग वाहन पटरी पर आकर गिरा, वह सीधे प्लेटफार्म पर आया था और उसमें बैठे लोग नशा किए हुए थे। इस वाहन को किसी ने नहीं रोका। वाहन का नंबर एपी09-जीजी3812 भी ट्रेस हो गया है, जो सृजन मैरिज डेकोरेटर्स चेतना पति मनोज सोलंकी के नाम पर रजिस्टर्ड है। वाहन पर सृजन मैरिज डेकोरेटर्स लिखा है। रेलवे सुरक्षा बल ने इस मामले में गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है, लेकिन 36 घंटे बीत जाने के बाद भी सैकड़ों रेल यात्रियों की जान दांव पर लगाने वाले आरोपी अभी भी उनकी गिरफ्त से दूर हैं।
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