नई दिल्ली। हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है। इस दिन का खास महत्व है। एक शिक्षक अपने छात्र को जीवन की कई महत्वपूर्ण बातें (important things) सिखाता है और उन्हें उस काबिल बनाता है, जिससे वह सही-गलत की पहचान कर सकें। जीवन के हर पहलू पर गौर कर सकें और बड़ों का आदर-सम्मान के साथ सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंच सकें. शिक्षक के मार्गदर्शन के बिना जीवन में सफलता संभव नहीं। इतिहास की बात रही हो या वर्तमान की या फिर भविष्य (Future) में भी..शिक्षकों का दर्ज सर्वोपरि रहा है और रहेगा। इस शिक्षक दिवस (Teacher’s Day 2022) पर आइए जानते हैं, कि आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? पहली बार इसे कब सेलिब्रेट किया गया था? क्या है इसका इतिहास और क्या है इस दिन का महत्व…
कैसे हुई थी शिक्षक दिवस की शुरुआत
एक बार की बात है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर उनके छात्रों ने उनसे पूछा कि क्या आज का दिन हम मना सकते हैं? क्या कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं? इस पर बच्चों को समझाते हुए राधाकृष्णन ने जवाब दिया कि यह बहुत ही अच्छी बात है कि आप लोगों को दिल में मेरे लिए इतना सम्मान है। आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं यह मेरे लिए और भी गर्व की बात है ये अच्छी बात है लेकिन अगर आप इस दिन को शिक्षकों के योगदान और समर्पण के तौर पर मनाए तो और भई अच्छा होगा। इससे ज्यादा खुशी मुझे किसी और चीज में नहीं होगी। इसी बात का सम्मान करते हुए हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
भारत में पहली बार कब मनाया गया था शिक्षक दिवस
वैसे तो भारत में शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के समय से ही मनाया जाता रहा है। साल 1994 में यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की। जबकि भारत में हर साल 5 सितंबर को ही टीचर्स डे मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में कार्यक्रम होते हैं और शिक्षकों का सम्मान किया जाता है।
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