बेचारे अधिकारी नाथ आएं तो धमकाएं… शाह आएं तो चमकाएं… दोनों ही पढ़े-लिखों की नस्ल को समझ नहीं पाएं… बदरा दिखते ही मौसम का अनुमान लगाएं… जो सत्ता पाए उसके हो जाएं… इतने दिनों तक कांग्रेस अधिकारियों को धमका रही थी… दिग्गी हों या नाथ दोनों ही धमकियां-चेतावनी दिए जा रहे थे, लेकिन अब भाजपा के आलाकमान अमित शाह ने भी कमल से नजरें फिराने वाले प्रदेश के अधिकारियों को चमकाने और निपटाने का खुला ऐलान कर दिया… पता नहीं यह धमकी अधिकारियों को डराएगी या यह धमकी भाजपा पर भारी पड़ जाएगी… चुनाव के चाणक्य अमित शाह जैसे दिग्गज पता नहीं यह समझ क्यों नहीं पा रहे हैं कि प्रदेश में जिस तरह से सत्ता लगातार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के हाथों में रही, उसी तरह प्रदेश की कमान भी उन्हीं के चंद चहेते अधिकारियों की गुलाम बनी रही…जो मुखिया को पसंद आया उसने पद पाया… जिसने पद पाया उसने किसी और के उन तक पहुंचने के हर रास्ते पर विराम लगाया…और परिणाम यह हुआ कि सत्ता की तरह अफसरों का भी विकेंद्रीकरण हो गया… वही नेता, वही अधिकारी…उनका ही रुतबा, उनकी ही कमाई…इस घुटन से प्रदेश के 80 प्रतिशत अफसर गुजर रहे हैं…लेकिन सत्ता के हाथों बेबस हैं… अब जो मुख्यमंत्री के चहेते हैं वो तो जी-जान लगा रहे हैं, लेकिन जो मोहताज हैं अब वो परिवर्तन चाह रहे हैं… अब यदि उन्हें शाह भी धमकाएंगे तो भी उनका क्या बिगाड़ पाएंगे…क्योंकि जो लूप लाइन में पड़ा है उसे और कितना नीचे गिराएंगे और कितना ठिकाने लगाएंगे… बदलती बयार में उनमें विश्वास जगाना चाहिए… जिस तरह नेताओं के टिकट बदले जाते हैं, उसी तरह अधिकारियों को भी मौका मिलना चाहिए था…प्रदेश में जनता नेताओं से नहीं अफसरों से ज्यादा दु:खी रही… हर अफसर का संपर्क सीधे मुखिया से था…अफसर नेता तो दूर विधायक को भी विधायक नहीं समझता था…इस कारण प्रदेश में न आचार न विचार, खूब बढ़ाओ भ्रष्टाचार जैसा माहौल बनता चला गया… जिन्होंने पैसा कमाया उन्होंने उसका हिस्सा ऊपर पहुंचाया… जो कमा नहीं पाया उसने अपना दिल जलाया… अब दिलजलों के दिल पर मरहम लगाने के बजाय यदि धमकी की मिर्च लगाओगे तो चीखों का ऐसा तांडव नजर आएगा कि कोई वैद्य-हकीम सत्ता का इलाज नहीं कर पाएगा… वैसे भी जो चेतावनी शाह अब दे रहे हैं… वह गुर तो मुख्यमंत्री बरसों से आजमा रहे हैं…कई अधिकारियों को उन्होंने बिना देखे, बिना सफाई सुने वीडियो कांफ्रेंसिंग में ही कई बार निपटाकर घर बिठाया है… अब यदि वो घर बैठे अधिकारी घर से निकल जाएंगे तो पता नहीं कितनों को निपटाएंगे…
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