स्मार्ट सिटी में शामिल शहरों के बीच होड़… इस बार उम्मीद है कि इंदौर मार सकता है बाजी
इंदौर। स्वच्छता के मामले में तो इंदौर लगातार चार बार नम्बर वन आया और पांचवीं बार भी उसका दावा पुख्ता है। वहीं सेवन स्टार रेटिंग (Seven Star Rating) और वाटर प्लस-प्लस (Water Plus-Plus) सर्वे में भी इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) फिलहाल अव्वल है। वहीं स्मार्ट सिटी योजना के तहत देश का कौन सा शहर सबसे अच्छा रहने लायक है, इसकी रैंकिंग की घोषणा भी केन्द्र सरकार (Central Government) द्वारा आज दोपहर में की जा रही है। गत वर्ष निगम को आठवीं रैंक मिली थी, लेकिन इस बार उसे अव्वल आने की पूरी उम्मीद है, क्योंकि स्वच्छता के अलावा अन्य मापदण्डों पर भी निगम ने काफी कार्य किए हैं। वहीं स्मार्ट सिटी योजना के तहत राजबाड़ा, गांधी हॉल, गोपाल मंदिर के जीर्णोद्धार के अलावा एमओजी लाइन को भी विकसित किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार ने शुरुआत में ही इंदौर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) में शामिल कर लिया था। उसके बाद शहरों की संख्या लगातार बढ़ाई जाती रही और अब 100 से अधिक शहर इसमें शामिल हो चुके हैं। वहीं अलग-अलग मापदण्डों पर रैंकिंग भी घोषित की जाती है। स्वच्छता के अलावा सेवन स्टार, वाटर प्लस-प्लस, खुले में शौच से मुक्ति के अलावा कौन सा शहर सबसे अच्छा, यानी रहने योग्य है, जिसमें सफाई व्यवस्था के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात, पर्यावरण और अन्य बातों को शामिल किया गया है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक गत वर्ष इस रैंकिंग में इंदौर आठवें नम्बर पर था और आज साढ़े 12 बजे के लगभग दिल्ली से रैंकिंग की वर्चुअल घोषणा होगी, जिसका प्रसारण सिटी बस ऑफिस आई त्रिपल सी सेक्शन में होगा। इस मौके पर अधिकारियों के अलावा चुनिंदा मीडियाकर्मियों को भी बुलाया गया है। नगर निगम को उम्मीद है कि स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत इंदौर अच्छा रहने लायक शहर भी इस रैंकिंग में नम्बर वन के रूप में घोषित हो सकता है, क्योंकि सालभर में ही इंदौर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। गांधी हॉल, राजबाड़ा, गोपाल मंदिर से लेकर छत्रियों के जीर्णोद्धार के साथ-साथ पार्किंग काम्प्लेक्स और एमओजी लाइन में भी कई तरह के विकास कार्य शुरू करवाए गए हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में तो इंदौर वैसे भी आगे रहा ही है। अलबत्ता यातायात के मामले में जरूर स्थिति बेहतर नहीं हो सकी। पार्किंग की समस्या भी कायम है। अब देखना यह है कि इंदौर को आज कौन सी रैंकिंग हासिल होती है।
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