नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अच्छे नतीजों के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के हौसले बुलंद हैं। अब उनकी नजर गुजरात (Gujarat) पर है। शनिवार को राहुल गांधी गुजरात के दौरे पर आए और संसद में दी अपनी चुनौती को दोहराया। राहुल गांधी ने कहा कि वे गुजरात में बीजेपी को हराएंगे। उन्होंने अहमदाबाद में कार्यकर्ताओ को संबोधित (Addressing workers in Ahmedabad) करते हुए कहा कि बीजेपी वर्करों ने कांग्रेस का ऑफिस तोड़ने की कोशिश की है। लेकिन आने वाले दिनों में वो गुजरात में बीजेपी की सरकार तोड़ेंगे। आखिर किस बिनाह पर राहुल गांधी ये विश्वास दिखा रहे हैं? ये सवाल सबके मन में है।
राहुल गांधी को लगता है कि अयोध्या में अगर बीजेपी को हराया जा सकता है तो गुजरात में भी ये मुमकिन है। लोकसभा चुनावों के नतीजों से भी राहुल गांधी खासे उत्साहित हैं और उन्हें एक उम्मीद बंधी है। लोकसभा चुनावों में गुजरात में बहुत कम ताकत और मर्यादित सोर्सेज होने के बाद भी बीजेपी को क्लीन स्वीप नहीं करने दिया और एक सीट जीती भी। कई सीटों पर जीत का मार्जिन बहुत घटाया। सबसे अहम लोकसभा चुनावों में 55 विधानसभा सीटें ऐसी रहीं, जहा बीजेपी के बजाय कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले। जिससे पता लगता है कि जनता में कांग्रेस की पैठ बढ़ी है। बीजेपी में कांग्रेस नेताओं की भरमार से आपसी फूट काफी बढ़ी।
लोकसभा चुनावों में बीजेपी की आतंरिक कलह और घमासान खुलकर सामने आया, जो कांग्रेस की ताकत बन सकता है। कांग्रेस के ज्यादातर डबल माइंडेड नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं, जो पार्टी में रहकर उसका ही नुकसान करते थे। अगर गुजरात में कांग्रेस की हवा बनी तो उसका फायदा पूरे देश में मिलेगा। राहुल केगुजरात दौरे को लेकर जिस तरह जल्दी फैसला लिया गया, उससे लगता है कि अब गुजरत उनकी प्राथमिकता है। गुजरात में निकाय चुनावों और विधानसभा चुनावों में अभी दो और तीन साल का वक्त है तो तैयारी के लिए पर्याप्त समय है। जिन कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के बयान पर स्टैंड लिया, उनके सपोर्ट में तुरंत राहुल आए। कार्यकर्ता जोश से लबरेज दिखे।
कांग्रेस के लिए चुनौतियां भी कम नहीं हैं। फिलहाल के जोश को बरकरार रखना, गठबंधन बरकरार रखना जरूरी है। पहली परीक्षा निकाय चुनावों में होगी। बिना गठबंधन के वोट का बटवारा कैसे रोकेंगे? पार्टी के नेताओं को पार्टी से जोड़े रखना भी चुनौती है। राहुल के दावे कितने सफल हो सकते हैं? फिलहाल स्थिति क्या है? ये समझने के लिए पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालनी होगी। अगर तीन विधानसभा चुनावों के नतीजे उठाकर देखें तो स्थिति साफ हो जाती है। एक चुनाव में बीजेपी स्पष्ट बहुमत के साथ आई। पिछले विधानसभा चुनावों में मोदी की आंधी थी। 2022 की बात करें तो बीजेपी ने 182 सीटों में से 156 सीटें जीतीं, उसका वोट शेयर 53.3 प्रतिशत रहा।
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