नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए संपत्ति पर अधिकार को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. हाई कोर्ट ने कहा कि जिस हिंदू महिला की खुद की कोई आय न हो, उसे मृत पति की दी गई संपत्ति से सुख लेने का पूरा अधिकार है. हालांकि, उसका संपत्ति पर पूर्ण अधिकार नहीं हो सकता है.
न्यूज वेबसाइट ‘लाइव लॉ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला बुधवार का है. जज प्रथिबा एम सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा, “हिंदू महिलाओं के मामले में जिसके पति की पहले मौत हो गई है और उनके पास खुद की आय नहीं है, उनके पतियों की संपत्ति से वित्तीय स्थिति को सुनिश्चित करना उनके लिए जरूरी हो जाता है. क्योंकि यह संपत्ति सुनिश्चित करती है कि वह पति की मौत के बाद बच्चों पर निर्भर न रहें.”
दिल्ली HC की बड़ी टिप्पणी
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, ”ऐसे हालातों में पत्नी को अपने जीवन के दौरान अपनी मृत पति की संपत्ति का सुख लेने का पूरा अधिकार है. वह जीवन भर उस संपत्ति से आय का सुख उठा सकती है.”
पत्नी के पास रहेंगे ये अधिकार
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने ये स्पष्ट किया कि ये अधिकार पूर्ण स्वामित्व (ownership) के बराबर नहीं हैं. पूरी संपत्ति को भरण-पोषण के रूप में माना जाना चाहिए. इससे पत्नी को पति की मृत्यु के बाद संपत्ति पर पूर्ण अधिकार मिल सके. पत्नी को उस संपत्ति का किराया वसूलने और उसका उपयोग करने का पूरा अधिकार होगा.
क्या है मामला?
जस्टिस प्रतिभा सिंह ने ये टिप्पणी उस केस की सुनवाई के दौरान की, जिसमें वह 1989 में पिता की मृत्यु के बाद कई भाई-बहनों के बीच संपत्ति बंटवारे के एक मामले की सुनवाई कर रही थी. पति ने पत्नी के पक्ष में एक वसीयत बनाई थी, जिसमें कहा गया था कि वह संपत्ति को उन्हें सौंप देंगे. इस मामले को परिवार के सदस्यों की ओर से चुनौती दी गई थी.
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