काहिरा (kaahira) । मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को काहिरा में प्रमुख योग प्रशिक्षक रीम जाबक (Head Yoga Instructor Reem Jabak) और नाडा एडेल से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत आने के लिए प्रोत्साहित किया।
वहीं मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24-25 जून को मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए निकल चुके हैं। यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है, बता दें कि ये यात्रा 1997 के बाद से किसी भी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली आधिकारिक मिस्र की द्विपक्षीय यात्रा है।
गौरतलब है कि मोदी के भारतीय दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ सालों से गर्मजोशी भरे संबंध रहे हैं। राष्ट्रपति कार्यालय में आधिकारिक कार्यक्रम पीएम मोदी की मिस्र यात्रा का अहम हिस्सा है. यहां पर पीएम मोदी राष्ट्रपति अल-सीसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे। इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जो अलग-अलग डोमेन में सहयोग की नींव को मजबूत करेगा.
इस आर्टिकल में ये समझने की कोशिश करेंगे कि प्रधानमंत्री की यात्रा का प्रमुख एजेंडा क्या होगा, और इस यात्रा ने कैसे भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत पिछले नौ सालों में मिस्र के साथ संबंधों को पुनर्जीवित किया है।
पीएम मोदी की मिस्र यात्रा से क्या उम्मीद की जाए
पीएम मोदी काहिरा में राष्ट्रपति सीसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, मिस्र सरकार के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत और मिस्र की प्रमुख हस्तियों के साथ जुड़ने के अलावा प्रवासी भारतीयों से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री की यात्रा की घोषणा मिस्र द्वारा ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन करने के तुरंत बाद की गई है. मिस्र ब्रिक्स देशों के साथ व्यापार में अमेरिकी डॉलर को छोड़ने की योजना में काफी दिलचस्पी ले रहा है.
जिस तरह से मिस्त्र अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के साथ अपनी मुद्रा सहित अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वैकल्पिक मुद्राओं को बढ़ावा देने की इच्छा जता रहा है. साफ है कि मिस्त्र उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना चाहता है, ऐसे में पीएम मोदी की यात्रा महत्वपूर्ण है। यात्रा के दौरान, रक्षा सहयोग, शिक्षा और ब्रिक्स में शामिल होने के लिए मिस्र के आवेदन पर बातचीत होगी. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मिस्त्र के तेजी से आर्थिक विकास करने की उम्मीद है. मिस्त्र के स्वेज नहर में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन और रणनीतिक नियंत्रण है.
दूसरी तरफ मिस्र और ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि आर्थिक विकास में योगदान कर सकती है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक ब्रिक्स में शामिल होने के लिए मिस्र का आवेदन ब्रिक्स समूह के प्रति अन्य मध्य पूर्वी और अफ्रीकी देशों की धारणाओं पर भी असर डालेगा।
पीएम मोदी ने मिस्र के साथ मजबूत संबंध बनाने की दिशा में काम किया है. भारत की अध्यक्षता के दौरान जी 20 शिखर सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में मिस्त्र को आमंत्रित किया गया है। इससे पहले 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
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