नई दिल्ली: पिछले साल जनवरी में अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर जो आरोप लगाए थे उसके नुकसान के बारे में तो आप जानते ही होंगे. इस रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी और समूह को 153 अरब डॉलर (करीब 13 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ था. लेकिन, क्या आपको पता है कि इस पूरे रायते से हिंडनबर्ग को कितनी कमाई हुई थी. इसका खुलासा खुद अमेरिकी रिसर्च फर्म ने किया है.
हिंडनबर्ग ने सेबी के नोटिस के जवाब में बताया कि उसने अडाणी समूह की कंपनियों में शॉर्ट सेलिंग करके सिर्फ 40 लाख डॉलर (करीब 33 करोड़ रुपये) की कमाई की थी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आंकड़ा खुद हिंडनबर्ग ने बताया है. यह पहली बार है जब हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन ने पिछले साल भारतीय शेयर बाजार में आए तूफान और उससे फर्म को हुए मुनाफे का जिक्र किया है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह को 153 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था, जिसकी पूरी तरह से भरपाई आज तक नहीं हो सकी है. अडानी समूह का पूरा मार्केट कैप बीते सोमवार यानी 1 जुलाई को 205 अरब डॉलर था, जबकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले अडाणी समूह का कुल मार्केट कैप 235 अरब डॉलर था. इसका मतलब हुआ कि 30 अरब डॉलर की भरपाई आज भी नहीं हो सकी है.
हिंडनबर्ग ने भारतीय प्रतिभूति बाजार नियामक सेबी पर भी निशाना साधा. रिसर्च फर्म ने कहा, भारतीय रेगुलेटर ने हमारे एक भी आरोपों की जांच नहीं की है. अडाणी समूह भले ही मीडिया में सभी आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन हमारे एक भी सवाल का आज तक जवाब नहीं दिया है. हिंडनबर्ग ने सेबी के नोटिस को गैरजरूरी बताते हुए कहा कि यह हमारे ऊपर दबाव बनाने की कोशिश है.
हिंडनबर्ग ने इस बार कोटक महिंद्रा बैंक और एएमसी के फाउंडर उदय कोटक को भी आरोपों के घेरे में लपेटा. फर्म ने कहा कि सेबी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कोटक का नाम शामिल नहीं किया है. ऐसा लगता है कि भारतीय नियामक इस दिग्गज कारोबारी को बचाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, कोटक की तरफ से बयान आया कि हिंडनबर्ग कभी भी उसका निवेशक नहीं था.
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