सागर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज चुनावी राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (Electoral states Madhya Pradesh and Chhattisgarh) के दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने सागर जिले के बीना (Bina of Sagar district) में स्थित बीपीसीएल में पेट्रोकेमिकल परिसर में बनने वाले पेट्रोकेमिकल प्लांट का भूमिपूजन किया। इसके साथ उन्होंने राज्य में दस नई औद्योगिक परियोजनाओं सहित 50,700 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास (Foundation stone of projects) भी किया।
आइये जानते हैं कि पीएम मोदी ने बीना दौरे में क्या किया? यहां बनने वाला पेट्रोकेमिकल प्लांट क्या है? इससे क्या लाभ होगा? बीना रिफाइनरी का ऐतिहासिक महत्व क्या है? सागर जिले में प्रधानमंत्री मोदी का 33 दिन में यह दूसरा दौरा है। इससे पहले 12 अगस्त को जिले के बड़तूमा में संत रविदास के भव्य मंदिर और स्मारक का भूमिपूजन भी प्रधानमंत्री ने किया था।
पीएम मोदी गुरुवार को बीना में पेट्रोकेमिकल प्लांट का भूमिपूजन करने पहुंचे। 18 सितंबर को ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ यहां बनने वाले अद्वैत लोक का शिला पूजन करेंगे। 25 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ में शामिल होने के लिए भी प्रधानमंत्री फिर से मध्य प्रदेश आएंगे। इस तरह प्रधानमंत्री मोदी 12 दिन में तीन बार प्रदेश के दौरे पर आएंगे।
सरकार के मुताबिक, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की बीना रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल प्लांट बनने से राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। यह अत्याधुनिक रिफाइनरी लगभग 49,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जाएगी और लगभग 1200 किलो टन प्रति वर्ष एथिलीन और प्रोपलीन का उत्पादन करेगी।
एथिलीन और प्रोपलीन कपड़ा, पैकेजिंग, फार्मा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण घटक हैं। इससे देश की आयात निर्भरता कम होगी। यह मेगा प्रोजेक्ट रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा और पेट्रोलियम क्षेत्र में आगामी उद्योगों के विकास को बढ़ावा देगा। बीना रिफाइनरी की क्षमता 11 एमएमटीपीए तक बढ़ाई जाएगी, जो 2200 किलोटन से अधिक पेट्रोकेमिकल उत्पादों को तैयार करेगी। प्रोजेक्ट पूरा होने में करीब पांच साल का वक्त लगेगा। एथिलीन क्रैकर कॉम्प्लेक्स बीना रिफाइनरी से नेफ्था, एलपीजी, केरोसिन जैसे कैप्टिव फीडस्टॉक का इस्तेमाल करेगा।
यह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स प्लास्टिक, पाइप, पैकेजिंग सामग्री, प्लास्टिक शीट, मोटरवाहन के पुर्जे, चिकित्सा उपकरण, मोल्डेड फर्नीचर के साथ ही घरेलू और औद्योगिक उपयोग की अन्य वस्तुओं के संदर्भ में विभिन्न डाउनस्ट्रीम व्यावसायिक विनिर्माण इकाइयों के लिए द्वार खोलेगा। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सरकार ने कहा है कि इस निवेश के चलते प्रति वर्ष 20,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत के साथ-साथ एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, डाउनस्ट्रीम उद्योगों, सहायक और सेवा इकाइयों में बड़ी संख्या में रोजगार के सृजन की भी संभावना है।
बीना में छह मिलियन टन प्रति वर्ष की पेट्रोलियम रिफाइनरी स्थापित की गई थी। मई 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया था। चालू होने के बाद से कंपनी ने अहम उपलब्धियां हासिल की हैं। इसने बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए 2018-19 में अपनी क्षमता को 7.8 एमएमटीपीए तक विस्तारित किया है। इसके साथ ही कंपनी ने पेट्रोकेमिकल व्यवसाय में प्रवेश करने की भी योजना बनाई है। 2021 में कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई।
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