भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नौकरी (Job) तलाशने वाले लाखों युवाओं (Millions Youths) में भारी संख्या में बड़ी डिग्री वाले लोग हैं, जैसे इंजीनियर्स (Engineers) और पोस्ट ग्रेजुएट. एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में करीब 1 लाख 20 हजार इंजीनियरिंग डिग्री वाले लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं. वहीं, करीब डेढ़ लाख लोग पोस्ट ग्रेजुएट (Post Graduate) डिग्री लेकर भी नौकरी ढूंढ रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, हायर एजुकेशन (Higher Education) वाले लोगों में बेरोजगारों (Unemployment) की श्रेणी में आने वाले एमबीए ग्रेजुएट, डेंटिस्ट और डॉक्टर्स शामिल हैं. 16 हजार से ज्यादा एमबीए डिग्री धारक सरकारी नौकरियों की तलाश में हैं. इसके बाद 3600 से ज्यादा डॉक्टर और बीडीएस डिग्री वाले हैं. वहीं, ग्रेजुएट्स की भी संख्या करीब 8.7 लाख है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2022 में राज्य के चार लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था. ऐसे में अब उन्हें चार साल से भी कम समय में करीब 3.5 लाख युवाओं को नौकरी देनी होगी. हालांकि, इससे भी बेरोजगारी दूर नहीं हो सकती. 31 मई 2024 तक रोजगार पोर्टल पर 25 लाख 82 हजार 789 बेरोजगारों ने नौकरी की आस में रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है. रजिस्ट्रेशन कराने वालों में ग्रेजुएशन और इससे ज्यादा क्वालिफिकेशन वाले युवाओं की संख्या लगभग 12 लाख के करीब है, जो कुल संख्या का करीब 45 फीसदी है.
मध्य प्रदेश विधानसभा में मोहन यादव सरकार की ओर से इन आंकड़ों की पुष्टि हुई है. जुलाई में सीएम मोहन यादव ने ऐलान किया था कि जल्द ही 2 लाख पदों पर नौकरी आने वाली है. सीएम का दावा है कि नई सरकार का फोकस बेरोजगारी को दूर करना है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले चार साल में नौकरी का वादा पूरा करने के लिए मोहन सरकार एक प्लान पर काम कर रही है. इसके लिए एक पोर्टल डिजाइन किया गया है, जिसमें रिक्तियों और भर्ती के बारे में अपडेट की जाएगी.
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