नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला किया है। आरबीआई के इस फैसले से ईएमआई पर लोन लेने वालों को बड़ा झटका लगा है। रेपो रेट बढ़ने से यह तय हो गया है कि अब उन्हें अपने लोन की ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ेगी।
त्योहारों से पहले ईएमआई पर लोन लेने वालों को झटका
आरबीआई की ओर से रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के फैसला लेने के बाद मई महीने से इसमें अब तक 150 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हो चुकी है। इससे सबसे बड़ा झटका बैंक से लोन लेने वालों को लगा है। रेपो रेट के बढ़ने से बैंक जाहिर तौर पर अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे।
ऐसे में यह तय हो गया है कि उनकी ओर से दिए गए लोन्स की ईएमआई बढ़ जाएगी। होगा यह कि मई महीने में अगर कोई लोन बैंक ने 6.5 फीसदी के ब्याज दर पर दिया था, रेपो रेट बढ़ने के बाद वह उस लोन की ब्याज दर कम से कम डेढ़ प्रतिशत का इजाफा कर देगी। ऐसे में 6.5% की ब्याज फीसदी पर लिए गए लोन पर अब बैंक कम से कम आठ प्रतिशत सालाना ब्याज चार्ज करेगी।
दस लाख रुपये के होम लोन पर हर महीने 778 रुपये ज्यादा पेमेंट करना पड़ेगा
मान लीजिए रामकुमार नाम के किसी व्यक्ति ने छह महीने पहले 6.5% की दर पर बैंक से दस लाख रुपये का होम लोन 10 वर्ष के लिए लिया था। उसके लोन की ईएमआई उस समय 11,355 रुपये थी। उस समय से अब तक रेपो रेट में 150 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हो गई है। इसका मतलब यह हुआ कि बैंक ने उस वक्त जो लोन 6.5% की ब्याज दर पर लिया था उसपर वह कम से कम 1.5% या उससे अधिक चार्ज करेगा।
अगर बैंक सबसे कम 1.5% ही अतिरिक्त ब्याज चार्ज करता है तो अब उपरोक्त लोन की ब्याज दर 6.5% से बढ़कर 8 प्रतिशत हो जाएगी। इस तरह रामकुमार के लोन पर अब नई ईएमआई 8% के ब्याज दर के हिसाब से 12,133 रुपये प्रति महीने हो जाएगी। ऐसे में रामकुमार को अब बीते मई महीने की तुलना में अपने लोन पर 778 रुपये अधिक ईएमआई चुकानी पड़ेगी।
दस लाख रुपये के होम लोन की ईएमआई कितनी बढ़ेगी?
नोट: आंकड़े अनुमानित और ईएमआई कैलकुलेटर की गणना पर आधारित हैं।
मई में रेपो रेट 4.4% था अब यह बढ़कर 5.9% हुआ
केंद्रीय बैंक इस वर्ष मई से अब तक रेपो रेट में 1.50% की वृद्धि कर चुका है। इस दौरान रेपो रेट 4.4 से बढ़कर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। बता दें कि रिजर्व बैंक बाजार में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट का इस्तेमाल करता है। रेपो रेट बढ़ने का मतलब यह है कि आरबीआई से बैंक जो पैसे लेंगे उन्हें वह पैसा बढ़ी हुई ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
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