नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के उत्तर 24 परगना के एक गांव संदेशखाली (Village Sandeshkhali) में किसी का भी पहुंच पाना आज अभी काफी मुश्किल हो चुका है। चाहे मीडिया (Media) हो या नेता (Leader) किसी को भी राज्य सरकार (state government) वहां फटकने तक की इजाजत नहीं दे रही है। हालांकि संदेशखाली गांव में शुक्रवार को आठवें दिन भी प्रदर्शन जारी है। पश्चिम बंगाल सरकार ने बांग्लादेश बॉर्डर से सटे इस गांव में धारा-144 लगा रखी है। पुलिस की बंदोबस्त ऐसी है कि परिंदा का पर मारना भी मुश्किल हो जाए। यह गांव टीएमसी (TMC) के कुख्यात हो चुके नेता शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) और उसके गुर्गों के महिलाओं पर किए गए जुल्मों की वजह से आज देशभर में चर्चा की वजह बन चुका है।
1. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संदेशकाली के हालात पर एक रिपोर्ट सौंपी है, जो किसी को भी सुन्न कर सकती है। इस रिपोर्ट में टीएमसी समर्थकों के हाथों महिलाओं पर हुए अत्याचार की कलई खोल दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या में संदेशखाली की महिलाओं ने दावा किया है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके गुंडों ने जबरन उनकी जमीनें हड़प ली हैं और उनका यौन उत्पीड़न किया है। इस रिपोर्ट में टीएमसी समर्थकों के हाथों महिलाओं पर हुए अत्याचार की कलई खोल दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या में संदेशखाली की महिलाओं ने दावा किया है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके गुंडों ने जबरन उनकी जमीनें हड़प ली हैं और उनका यौन उत्पीड़न किया है। रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िताएं जल्द से जल्द शेख की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं, जो ईडी टीम पर हुए हमले के बाद से ही फरार चल रहा है। पिछले महीने राशन घोटाले में जब छापेमारी के लिए ईडी के अधिकारी उसके घर पहुंचे थे तो उसके समर्थकों ने अधिकारियों पर जानलेवा हमला कर दिया था। एनसीएससी के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को संदेशखाली का दौरान किया था और दिल्ली लौटकर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी है।
2. राष्ट्रीय महिला आयोग की फैक्ट-फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट से भी संदेशखाली के हालात की भयानकता उजागर हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘गांव की महिलाओं से जुटाई गई गवाहियां परेशान करने वाली हैं, जो वहां व्यापक भय और व्यवस्थित दुर्व्यवहार की एक भयावह तस्वीर सामने लाती हैं।’ इसके मुताबिक, ‘पीड़िताओं ने पुलिस अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस के लोगों की ओर से की गई शारीरिक और यौन हिंसा की वारदातों का जिक्र किया।’ इससे लगता है कि शाहजहां शेख ने संदेशखाली में अपने गुनाहों का जो साम्राज्य कायम किया था, उसमें पुलिस भी सक्रिय तौर पर शामिल थी। राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस गांव की जिस महिला ने भी अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हें उसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
3. शुक्रवार को दो केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा सांसदों की 6 सदस्यीय प्रतिमंडल ने भी संदेशखाली जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पुलिस-प्रशासन ने पहले ही रोक दिया। निषेधाज्ञा लागू होने की वजह से रोके जाने वाले भाजपा प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक और पार्टी सांसद सुनीता दुग्गल, संगीता यादव, कविता पाटीदार और यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल शामिल हैं।
4. भाजपा सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी वहां जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी रामपुर में ही रोक दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि संदेशखाली में ऐसा क्या है कि लोगों को जाने से रोका जा रहा है?
5. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कथित तौर पर पुलिस-प्रशासन पर संदेशखाली में ‘उपद्रवी तत्वों’ के हाथों में खेलने का आरोप लगाया है।
6. बंगाल पुलिस ने इस भयावह कांड में अबतक 17 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन शाहजहां शेख अबतक फरार है। उसके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों ने लुकआउट नोटिस भी जारी कर रखा है। कथित तौर पर कहा जा रहा कि वह बांग्लादेश भाग चुका है।
7. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोप लगा चुकी हैं कि इलाके की शांति भंग करने के लिए बीजेपी बाहर से लोगों को ला रही है। उनके मुताबिक, ‘यह पता चला है कि कैसे बीजेपी कार्यकर्ताओं को लाया गया और योजनाबद्ध तरीके से हिंसा भड़काई गई। पहला टारगेट शाहजहां शेख था और ईडी उसे ही टारगेट करते हुए इलाके में घुसी थी।’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved