जबलपुर। केंट क्षेत्रातंर्गत पेंटीनाका में शराब दुकान व अहाता खोलने का विरोध दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने अब खुलकर केंट बोर्ड के तत्कालीन सीईओं व अन्य पदाधिकारियों पर मिलीभगत कर आरोप लगाते हुए उक्त जमीन को साजिशन हथियाने का आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है जिस स्थान पर शराब दुकान खोली जा रही है वह ओल्ड ग्रांट प्रापर्टी का भाग है, जिसे फ्री होल्ड नहीं किया जा सकता है और न ही वहां पर कोई आवासीय या व्यवसायिक उपयोग हो सकता है।
जिला कार्यालय में कलेक्टर के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे स्थानीय जनों का कहना है कि पेंटीनाका स्थित शराब दुकान को खोलने में न केवल गाइड लाइन का उलंघन हुआ है। बल्कि कैंट एक्ट 2006 ,और कैंट के भूमि संबंधी कानूनों को ताक पर रख कर दुकान खोल दी गई। जिसको लेकर क्षेत्रीयजनों के साथ महिलाएं शोर मचाती रहीं और सदर में शराब दुकान के विरोध में जमकर हंगामा भी हुआ, लेकिन छावनी सीईओ और अध्यक्ष तक आवाज नहीं पहुंची। जबकि खेत बगीचों में अगर कोई अपने घर के बाथरूम की मरम्मत करे तो क्यू आर टी, सेना पुलिस, के साथ सीईओ डीईओ का अमला तोडऩे पहुंच जाता है। प्रदर्शनकारियों ने तत्कालीन सीईओं सुब्रत पाल पर भी आरोप लगाये कि उन्होने रक्षा भूमि पर जमकर अतिक्रमण कराये। आरोप है कि तत्कालीन सीईओं राहुल आनंद और सुब्रत पाल के संरक्षण में खूब अतिक्रमण हुए।
रातों-रात खड़ी हो गई शराब दुकान
प्रदर्शनकारियों ने अपनी शिकायत में कहा है कि ये शराब दुकान, सर्वे नम्बर 148 वाजपेई कंपाउंड के मुख्य मार्ग के 600 वर्ग फुट भूमि पर अतिक्रमण कर ट्रेन के कंटेनर नुमा डिब्बे को रखकर खोली गई है । शराब दुकान खुलना तो दूर की बात इस खाली प्लॉट पर निर्माण हो ही नहीं किया जा सकता था, मगर सीईओ सुब्रत पाल ने पूना जाते जाते ये कारनामा कर गये। रक्षा संपदा विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय दिल्ली से एक उच्च स्तरीय टीम भेजकर पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है फिर कोई बड़ी कार्यवाही संभावित है । इस शराब दुकान को ट्रेड लाइसेंस भी नहीं दिया जा सकता है शराब दुकान खोलने के लिए कैंट से ट्रेड लाइसेंस लेना और कैंट कमांडेंट की अनुज्ञा लेना अनिवार्य है , जो कि ठेके की शर्तों में भी उल्लिखित है, लेकिन उसकी भी अनदेखी की गई है। मामले को लेकर पूर्व कैंट बोर्ड के सीईओ से फोन पर सपंर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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