नई दिल्ली। देश का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) को शनिवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। इसके एक दिन बाद इसरो ने आदित्य-L1 मिशन को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। इसरो ने बताया कि देश का पहला सौर मिशन (solar mission) आदित्य-L1 ठीक से काम कर रहा है। इसरो ने बताया कि आदित्य-L1 ने आज अपनी कक्षा बदली है। अब वह दूसरे कक्षा में स्थापित हो गया है। यह 235×19500KM की कक्षा से अब सफतलापूर्वक 245×22459KM की कक्षा में पहुंच चुका है। इसरो (ISRO) ने इसे आदित्य-L1 की सूर्य की ओर पहली छलांग बताई है।
16 दिनों में पांच बार बदलेगा पृथ्वी की कक्षा
जारी प्रक्रिया के अनुसार, आदित्य-L1 को 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा (orbiting the earth) करनी है। इसके बाद वह सूर्य की ओर अपने मार्ग पर बढ़ जाएगा। आदित्य-L1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा। इसरो ने बताया कि अब 5 सितंबर को दोबारा कक्षा में बदलाव होगा। इस दौरान भारतीय समयानुसार देर रात करीब 3:00 बज रहे होंगे।
Aditya-L1 Mission:
The satellite is healthy and operating nominally.The first Earth-bound maneuvre (EBN#1) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru. The new orbit attained is 245km x 22459 km.
The next maneuvre (EBN#2) is scheduled for September 5, 2023, around 03:00… pic.twitter.com/sYxFzJF5Oq
— ISRO (@isro) September 3, 2023
PSLV रॉकेट के साथ किया गया लॉन्च
बात दें कि लॉन्चिंग के 63 मिनट बाद आदित्य-L1 पृथ्वी की कक्षा (earth’s orbit) में स्थापित हो गया था। हालांकि, आज उसके थ्रस्टर में एक्सटर्नल फोर्स लगाकर आदित्य-L1 की कक्षा बदली गई है। आदित्य- L1 करीब 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगा। आदित्य-L1 को सूर्य की कक्षा में पहुंचने में 128 दिन का समय लगेगा। इस मिशन को इसरो के सबसे भरोसेमंद PSLV रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया है। इसरो का आदित्य- L1 पहला सूर्य मिशन है, जो L1 प्वॉइंट तक जाएगा।
सूर्य की किरणों का करेगा अध्ययन
आदित्य-L1 सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा और यहां 5 साल 2 महीने तक रहेगा। इस काम में 378 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। भारत से पहले अमेरिका, जर्मनी और यूरोपीयन स्पेस एजेंसी अपना सूर्य मिशन भेज चुकी है। अब तक कुल 22 मिशन सूर्य भेजे गए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा नासा ने 14 मिशन भेजे हैं। साल 1994 में यूरोपीयन स्पेस एजेंसी की ओर से पहला सूर्य मिशन भेजा गया था।
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