नई दिल्ली: घर या ऑफिस (home or office) में वैसे तो सभी चीजें वास्तु के अनुसार हो तों अच्छा रहता है. लेकिन इसमें मंदिर पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत होती है. वास्तु के अनुसार घर की हर दिशा की अपनी एक विशेषता होती है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. ऐसे में पूजा घर का भी सही दिशा में होना बेहद जरूरी है क्योंकि पूजा घर वो जगह हैं जहां बैठकर हम भगवान का ध्यान करते हैं, शुभ कार्य करते हैं, पूजा करते हैं. इन सकरात्मक कार्यों (positive actions) को करने के लिए घर में दिशा का सही होना भी जरूरी है. आइए जानें पूजा घर में क्या करना चाहिए और क्या नहीं और इसकी सही दिशा.
घर में मंदिर बनाते समय रखें इन बातों का खास ख्याल
– वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मंदिर हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर कोण की ओर होना चाहिए. मंदिर के लिए इसे सबसे उत्तम दिशा माना गया है. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा घर कभी भी दक्षिण में नहीं होना चाहिए. इससे हमारे कार्यों में रुकावटें पैदा होती हैं.
– मंदिर के साथ-साथ व्यक्ति का मुख किस दिशा में होना चाहिए ये भी जरूरी है. मंदिर में लाल रंग के बल्ब का प्रयोग भूलकर भी न करें. ऐसा करने से व्यक्ति दिमागी रूप से परेशान रहता है. सफेद रंग का बल्ब लगाने से घर में सकारात्मकता आती है.
– इसके साथ ही, वास्तु के अनुसार घर में खंडित मूर्तियां न रखें. इन्हें समय से ही प्रवाहित कर देना चाहिए नहीं तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
– मंदिर में भूलकर भी बासी फूल न रखें. साथ ही, मंदिर में पूर्वजों की फोटो रखने की भी मनाही होती है. मंदिर के बर्तनों को अलग से धो कर रखें.
– वास्तु जानकारों का कहना है कि मंदिर में लाल रंग का कपड़ा न बिछाएं. साथ ही, मुख को पूर्व दिशा की ओर करके बैठें.
– एक ही भगवान की कई तस्वीरें लगाने से बचें. घर में 2 शिवलिंग से ज्यादा नहीं रखें. वहीं, 2 से ज्यादा शंख भी न रखें. सूर्य की प्रतिमा भी 2 से ज्यादा न हों. क्योंकि अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो इससे घर में अशांति फैलती है.
– सुबह शाम घर में घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से धन लाभ होगा. रुके हुए पैसों का आवागमन भी सही हो जाएगा.
– प्रसन्न मुख वाले देवी-देवताओं की तस्वीर घर के मंदिर में रखनी चाहिए.
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