नई दिल्ली। पिछले दो सालों में कोरोना (Covid) के भयंकर खतरे की वजह से गणतंत्र दिवस समारोह (republic day celebration) में किसी विदेशी अतिथि को आमंत्रित (Invite) नहीं किया। लेकिन इस बार यानी वर्ष 2023 के गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देह फतेह अल सिसि मुख्य अतिथि के तौर पर आ रहे हैं। सिसी मिस्र के पहले ऐसे नेता हैं जो भारतीय गणतंत्र दिवस (republic day celebration) पर अतिथि के तौर पर आ रहे हैं। देश में पहली बार 1950 में गणतंत्र दिवस मनाया गया और तभी मित्र देशों के राष्ट्रअध्यक्षों और नेताओं को बुलाने की परंपरा चली आ रही है। भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह (republic day celebration) के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णों थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि कौन होंगे ये कैसे तय किया जाता है।
छह महीने की प्रक्रिया
भारत में गणतंत्र दिवस पर किसे मुख्य अतिथि के लिए प्रक्रिया करीब छह महीने पहले से ही शुरू हो जाती है। किस किस को आमंत्रित करना है, उन्हें निमंत्रण भेजना, उनके उत्तर आने के बाद उनके आने पर उनके ठहरने और पूरी तरह से विशेष तरह मेहमान नवाजी देना, गणतंत्र दिवस उन्हें विशेष गार्ड ऑफ ऑनर देना, विशेष भोज, आदि कई कार्यक्रमों की तैयारी शामिल होती है।
बहुत सोच विचार की जरूरत
लेकिन मुख्य अतिथि के तौर पर किसे चुनना है इस पर भी काफी सोच विचार किया जाता है, आमंत्रण भेजने से पहले कई पहलुओं पर विचार करना पड़ता है। इसमें सबसे प्रमुख भारत और उस देश के संबंधों का ध्यान रखना पड़ता है जिसका प्रतिनिधि बुलाया जा रहा है। इस आमंत्रण का एक अर्थ दोनों देशों के बीच दोस्ती को परिलक्षित करता है या फिर इसे एक तरह से दोस्ती का हाथ बढ़ाने के लिए अहम कदम की तरह भी देखा जा सकता है।
और भी कई पहलू
आमंत्रित अतिथि के देश से भारत के राजनैतिक. व्यवसायिक, सैन्य, आर्थिक अन्य हितों पर कैसा प्रभाव है और होगा इसका भी खास ख्याल रखा जाता है। इसके अलावा यह भी ध्यान रखा जाता है कि आमंत्रित अतिथि को बुलाने से किसी अन्य देश से तो हमारे संबंध खराब नहीं होगें, भारतीय विदेश मंत्रालय के लिए दो देशो के बीच संबंध मजबूत करने का एक बढ़िया मौका होता है।
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