नई दिल्ली। सोने की कीमतें (Gold prices) पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ी हैं। इस समय 24 कैरेट वाला सोना 90 हजार प्रति 10 ग्राम के आसपास मिल रहा है। ऐसे में एक सवाल मन में आता है कि यहां से गोल्ड (Gold) एक लाख की तरफ कितनी तेजी से बढ़ेगा और क्या इसके बड़ी डुबकी लगाने की भी आशंका है? आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक माहौल को देखते हुए सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है।
अमेरिका की सत्ता में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से सोना लगातार महंगा होता जा रहा है। बीच में कुछ गिरावट जरूर आई हैं, लेकिन वह ज्यादा बड़ी नहीं थीं। ET की रिपोर्ट में आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स के हवाले से बताया गया है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी टैरिफ नीतियों के कारण 2025 की पहली छमाही में सोना 87,000 रुपये से 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक रह सकता है। जबकि 2025 की दूसरी छमाही में यह बढ़कर 96,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। इस हिसाब से देखें तो इस साल सोना 1 लाख के आंकड़े को पार शायद न कर पाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर सोने की कीमतों के 2025 की पहली छमाही में 87,000 रुपये प्रति दस ग्राम से 90,000 रुपये प्रति दस ग्राम के दायरे में रहने की उम्मीद है। वहीं, 2025 की दूसरी छमाही में यह 94,000 रुपये प्रति दस ग्राम से 96,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चढ़ती कीमतों से आभूषणों की मांग प्रभावित हुई है। इस वजह से सोने का आयात पिछले 11 महीनों के सबसे निचले स्तर 2.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो मासिक आधार पर 14 प्रतिशत और वार्षिक आधार पर 63 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।
सोना महंगा होने से आभूषणों की खरीदारी भले ही धीमी हो गई है, लेकिन सोने में निवेश स्थिर बना हुआ है, जिसमें ईटीएफ और केंद्रीय बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गोल्ड ETF ने फरवरी 2025 में 19.8 अरब रुपये का इनफ्लो दर्ज किया, जो पिछले नौ महीनों में दर्ज 14.8 अरब के औसत नेटइनफ्लो से अधिक है। इसके अलावा, उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक अपने स्वर्ण भंडार में वृद्धि जारी रखेंगे, जिससे कीमतों को और समर्थन मिलेगा।
सोने की कीमतों में उछाल के लिए कई ग्लोबल फैक्टर जिम्मेदार हैं। इसमें डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियां सबसे प्रमुख हैं। ट्रंप 2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लागू करने जा रहे हैं। इससे वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर शुरू होने की आशंका है और यदि ऐसा होता है, तो गोल्ड के दाम तेजी से दौड़ सकते हैं। सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लिहाजा जब भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल होती है, इसमें निवेश बढ़ता है और कीमतें चढ़ जाती हैं।
वैश्विक स्तर पर, दिसंबर 2025 तक सोने की कीमतें 3,200 से 3,400 डॉलर प्रति औंस के बीच रहने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त, 2025 और 2026 में ब्याज दरों को कम करने के अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित निर्णय से सोना और भी अधिक आकर्षक निवेश बन सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती से सोने की मांग को समर्थन मिल सकता है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved