मुंबई। प्रतिष्ठित इंटरनेशनल मैगजीन फोर्ब्स (prestigious international magazine forbes) हर साल सबसे ज्यादा अरबपतियों (billionaires) वाले देशों की सूची जारी करती है। साल 2021 की लिस्ट के मुताबिक अमेरिका इस लिस्ट में पहले पायदान पर है। लिस्ट के मुताबिक अमेरिका में कुल 724 अरबपति हैं। बड़े कद्दावर देशों की इस लिस्ट में भारत का नाम भी शामिल है।
फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा अरबपति अमेरिका में मौजूद हैं, जबकि वहां कुल 724 अरबपति रहते हैं। इन अरबपतियों में सबसे पहला नाम अमेजन के मालिक जेफ बेजोस का है, सबसे ज्यादा अरबपतियों वाले देश में दूसरे पायदान पर चीन का नाम है. चीन में कुल 626 अरबपति रहते हैं. चीन में सबसे अमीर शख्स का नाम जैक मा है, हालांकि तीसरे नंबर पर भारत का नाम है। भारत में कल 140 अरबपति रहते हैं। सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में पहला नाम मुकेश अंबानी का आता है। अब एयक खबर आ रही है कि भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अपने 208 अरब डॉलर के बिजनस एंपायर को नई पीढ़ी के हाथों में सौंपने की तैयारी में हैं। इसके लिए वह उत्तराधिकार का ऐसा फूलप्रूफ प्लान बना रहे हैं कि आगे चलकर किसी तरह का कोई विवाद न हो।
सूत्रों की माने तो अंबानी को वॉलमार्ट इंक (Walmart Inc) के वॉल्टन परिवार (Walton family) का मॉडल सबसे ज्यादा पसंद आया है। वह परिवार की होल्डिंग को एक ट्रस्ट में डालना चाहते हैं जो देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Ltd.) को कंट्रोल करेगी। अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी और उनके तीन बच्चों की इस नई एंटिटी में हिस्सेदारी होगी और वे इसके बोर्ड में शामिल होंगे। इस बोर्ड में अंबानी परिवार के विश्वस्त लोग सलाहकार की भूमिका में होंगे।
सूत्रों के मुताबिक अंबानी को वॉलमार्ट इंक के वॉल्टन परिवार का मॉडल सबसे ज्यादा पसंद आया है। साल 1992 में कंपनी के फाउंडर सैम वॉल्टन (Sam Walton) की मौत के बाद जिस तरह उनके बिजनस के ट्रांसफर को मैनेज किया गया था, वह अंबानी को काफी अच्छा लगा है। दुनिया की सबसे अमीर फैमिली वॉल्टन परिवार ने 1988 से ही कंपनी के डे-टु-डे के बिजनस को मैनेजरों के हाथ सौंप दिया था और इस पर नजर रखने के लिए एक बोर्ड बनाया था।
विदित हो कि धीरू भाई अंबानी की मौत के बाद दोनों बच्चों में जो विवाद पैदा हुआ था, उसे निपटाने के लिए खुद उनकी मां को बीच में पड़ने की जरूरत पड़ गई थी। 2004 में उनका विवाद खुलकर सामने आ गया था, जिसके बाद उनकी मां कोकिला बेन ने कंपनी को दो हिस्सों में बांट कर दोनों बेटों को दे दिया। यहां तक कि इस बंटवारे में आईसीआईसीआई बैंक के तत्कालीन चेयरमैन कामत को भी बुलाना पड़ा था। दोनों भाइयों के बीच विवाद करीब 4 सालों तक चलता रहा था।