नई दिल्ली: भारत (India) में होने वाली जनगणना (Census) को लेकर बड़ी जानकारी आई है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार (Central government) अगले साल देश में जनगणना की शुरुआत करवा सकती है. माना जा रहा है कि 2025 से लेकर 2026 तक देश में जनगणना चलेगी. जनगणना हर 10 साल में एक बार होती है, भारत में आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी, उसके बाद जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते जनगणना को टालना पड़ा था. ऐसे में अब सरकार अगले साल से इसकी शुरुआत करा सकती है, लेकिन जनगणना होती है कैसे हैं और हमारी गिनती कैसे की जाती है, यह जानना भी बहुत जरूरी है.
सूत्रों के मुताबिक 2025 में जनगणना की शुरुआत होगी तो जनगणना का चक्र भी बदलेगा. मतलब अभी तक हर 10 साल में जनगणना होती थी, जैसे 2001 में जनगणना हुई और फिर 2011 में हुई थी, लेकिन अब जनगणना अगर 2025 में होती है तो फिर अगली जनगणना 2035 में होगी और उससे अगली 2045 में होगी. इस तरह देश में जनगणना का चक्र भी अब बदल जाएगा. दरअसल, एक वजह यह भी है कि 2026 में देश में परिसीमन होना है, ऐसे में लोकसभा सीटों की स्थिति भी बदलनी है, ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार ने जनगणना कराने की तैयारी कर ली है, अगली साल इसकी शुरुआत हो सकती है. हालांकि अभी तक इसकी तारीखे तय नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार की तरफ से तैयारियां तेज हो गई हैं.
जनगणना किसी भी देश में उस देश में रहने वाली जनता का सबसे विश्वसनीय स्रोत होता है. जिससे देश की आर्थिक गतिविधि से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरीकरण, ग्रामीण जीवन, धर्म, भाषा समेत सभी आधारों की जानकारी मिल जाती है. इसलिए देशों में जनगणना कराई जाती है. भारत में जनगणना की शुरुआत अंग्रेजी शासनकाल में हुई थी, 1872 में पहली बार भारत में जनगणना हुई थी, इसके बाद देश में जनगणना का दौर चलता रहा, 2011 में हुई जनगणना देश में 15वीं जनगणना थी. जनगणना का इस्तेमाल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किया जाता है.
देश में जनगणना करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सरकारी कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं. इन कर्मचारियों को हर घर में जाकर आवश्यक जानकारी जुटानी होती है, ये लोग अपने साथ सरकार की तरफ से दिया गया पहचान पत्र भी लेकर जाते हैं, क्योंकि जनगणना करने वाली कर्मचारी आप से आपके दस्तावेज दिखाने के लिए भी कह सकते हैं, ऐसे में आपके लिए यह सुनिश्चित रहे कि यह जनगणना करने के लिए आने वाले कर्मचारी है. जिससे ये लोग एक पहचान पत्र और एक नियुक्ति पत्र लेकर चलते हैं. इस मामले में अब स्थानीय प्रशासन से भी संपर्क कर सकते हैं.
जनगणना के लिए देश के हर घर से फॉर्म भरे जाते हैं, जिसमें आपका मकान नंबर और अन्य जानकारियां भी रहती हैं. जनगणना के साथ भवन निर्माण, पेयजल, घरों का उपयोग, शौचालय, बिजली, संपंत्ति समेत छोटे बड़े कुल 35 प्रश्न होते हैं. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में भी कई जानकारियां भरी जाती हैं. जिसमें नाम, लिंग, जन्म दिनांक, वैवाहिक स्थिति, माता-पिता का नाम, जीवनसाथी का नाम, वर्तमान पता, वर्तमान पते पर रहने की अवधि, स्थाई पता, व्यवसाय, राष्ट्रीयता, शैक्षिक योग्यता, परिवार के मुखिया से संबंध. ये सभी जानकारियां राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में दर्ज की जाती हैं.
खास बात यह है कि भारत सरकार की तरफ से जनगणना को लेकर कराया जाने वाला सर्वे गोपनीय रहता है. जो किसी भी एजेंसी (सरकारी या निजी) के साथ शेयर नहीं किया जाता है. इसमें केवल बड़ी जानकारी जो NPR के तहत जुटाई जाती है, वह केवल प्रकाशित की जाती है, जिससे जनगणना की जानकारी लगाई जाती है. NPR को आखिरी रूप दिए जाने के बाद इस डेटाबेस का उपयोग केवल सरकार की तरफ से ही किया जाता है. जनगणना की प्रक्रिया के दौरान जो कर्मचारी इसमें काम करते हैं उनके घरों से दूसरे कर्मचारी जानकारी एकत्र करते हैं. इस तरह जनगणना के लिए देशभर में बड़ी संख्या में कर्मचारी तैनात किए जाते हैं. यह पूरी प्रक्रिया केंद्र सरकार की देखरेख में होती है.
दरअसल, जनगणना की एक वजह यह भी है कि साल 2026 में डिलिमिटेशन कमिशन के आधार पर लोकसभा और विधानसभा सीटों का नए सिरे से देश में परिसीमन भी होना है. फिलहाल देश में लोकसभा और राज्यसभा की सीटों के साथ-साथ विधानसभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या पर भी फ्रीज लगा हुआ है, लेकिन 2026 में परिसीमन होगा जिससे नए सिरे से निर्वाचन क्षेत्रों का सीमांकन होगा. ऐसे में देश में संसद की सीटों की संख्या बढ़ेगी, जबकि राज्यों में विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति बदेलगी. इन बढ़ी हुई सीटों के आधार पर ही दूसरी सीटें आरक्षित की जाएगी. जिसके लिए जनगणना कराया जाना जरूरी है.
जनगणना से बहुत सी जानकारी सामने आती है. खास बात यह है कि भारत फिलहाल दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश हैं, ऐसे में भारत की जनगणना को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. जिससे जनता से जुड़ा नया डेटा भी सामने आएगा. किस राज्य में कितनी आबादी है. सरकारी नौकरी, प्राइवेट नौकरी और रोजगार की हिस्सेदारी की जानकारी मिलेगी. किस वर्ग में शिक्षा का क्या स्तर है. किसके पास जमीन-जायदाद कितनी है, इसकी हिस्सेदारी कितनी है.
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