• img-fluid

    कैसे चार्ज हो रहे ईवी, बिजली कंपनी ने कसा शिकंजा

  • September 30, 2024

    • मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने की तैयारी, सब्सिडी वाले उपभोक्ताओं पर पैनी नजर, राजनीतिक दखल से डर रहे अफसर

    जबलपुर। इलैक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए लोग बिजली कहां से ले रहे हैं,इसका हिसाब-किताब मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने लेना शुरु कर दिया है। उपभोक्ता द्वारा दी गयी जानकारी पर यदि शक होता है तो कंपनी द्वारा इसकी जांच की जाएगी। प्लानिंग पूरी तरह से तैयार है और कुछ एक क्षेत्रों में इसका असर भी दिखाई दे रहा है।

    किसने दिया ईवी का डेटा
    कंपनी के सूत्रों ने बताया कि कंपनी द्वारा वाहन कंपनियों से ईवी खरीदने वाले ग्राहकों का पूरा डेटा प्राप्त करना शुरु किया है। लिस्ट के आधार पर उपभोक्ताओं से जवाब तलब किया जाएगा और फिर उसकी तस्दीक की जाएगी। दरअसल, मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अब इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के खरीदारों को बड़ा झटका देने वाली है।

    नियम-कायदों पर एक नजर
    यदि घरेलू उपभोक्ता अपने घर पर चार्ज कर रहा है तो ठीक, लेकिन यदि किसी सार्वजनिक स्थल के प्वाइंट से वाहन चार्ज हो रहे हैं तो उसे रोका जाएगा। कंपनी के दायरे में 25 जिले आते हैं और कुल अधिकृत चार्जिंग स्टेशन बमुश्किल दस हैं। ऐसे में किसी को भी समझ में आ सकता है कि ईवी चार्जिंग से कंपनी को क्या नुकसान हो रहा है। यदि गड़बड़ी निकलती है तो यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हो सकती है।

    सब्सिडी वालों पर पैनी नजर
    कंपनी द्वारा जुटाए गये आंकड़ों के अनुसार, मप्र में इस समय ईवी की संख्या एक लाख से ऊपर निकल गई है।
    भोपाल- इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में ही ईवी की संख्या 70 हजार से अधिक है
    बिजली कंपनी को अंदेशा है कि जो 150 यूनिट तक सब्सिडी वाली बिजली है, उसमें ईवी चार्ज हो रहे हैं। जिन पर विद्युत अधिनियम 2023 की धारा 126 के तहत ऐसे खरीदारों पर केस दर्ज किया जाएगा,जो अवैध तरीके से ईवी चार्ज कर रहे थे।

    जल्दी पूरे मप्र में होगा लागू
    कंपनी ने अभी कुछ एक जिलों में इसे लागू किया है,लेकिन जल्दी ही इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना भी है। दरअसल, पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों के बाद सरकार से इस बारे में कंपनियां मिलकर बात करेंगी। खासतौर उन जिलों की जानकारी बारीकी से जुटाई जाएगी, जहां सब्सिडी वाले उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा है। बड़े शहरों में यह देखा जाएगा कि ई-रिक्शा या दूसरे ईवी वाहन किन जगहों पर चार्ज हो रहे हैं। क्योंकि इन जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बने हुए हैं। बताया गया है कि कई बिजली कंपनियों ने इस तरह की छोटी-छोटी कोशिशें शुरु की हैं, जो भविष्य में बड़े पैमाने पर नजर आएंगी।

    कंपनी अफसर अभी चुप हैं
    इधर,कंपनी के अफसर इस बारे में खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। दरअसल, कंपनी के इस फैसल ेमें राजनीतिक पेंच फंस सकता है। ये मामला सीधे तौर पर सब्सिडी वाले उपभोक्ताओं से जुड़ा हुआ है इसलिए अलग-अलग पार्टियों के नेताओं द्वारा हंगामा भी खड़ा किया जा सकता है। लिहाजा, अभी पायलट प्रोजेक्ट से शुरुआत की जा रही है ताकि एक अंदाजा मिल सके कि आगे बढऩा है या नहीं।

    Share:

    मुआवजा दें या जमीन जैसी थी, वैसी कर दें

    Mon Sep 30 , 2024
    हाईकोर्ट के समक्ष याचिका के जरिए गुहार बिना अधिग्रहण और मुआवजा दिए बना दिया हाईवे कलेक्टर,एसडीएम व तहसीलदार को नोटिस जबलपुर। हाईकोर्ट के समक्ष पेश की गयी एक याचिका में बताया गया कि किस तरह से प्रार्थी की जमीन का विधिवत अधिग्रहण दिए बिना और मुआवजे का भुगतान किए बिना ही हाईवे बना दिया गया […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved