नई दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी और अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के बीच हुई बातचीत से दोनों देशों के रिश्तों में फिर से गर्मजोशी आई है। रूस के लिए यह एक झटके के समान है, जो इमरान खान के शासनकाल में ज्यादा करीब आता दिख रहा था।
ब्लिंकन ने पाकिस्तान को 18 मई को न्यूयॉर्क में होने वाली वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर मंत्री स्तरीय बैठक में भाग लेने को भी आमंत्रित किया। दोनों नेता संपर्क में रहने और परस्पर हित के क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर भागीदारी बढ़ाने पर भी सहमत हुए। पाकिस्तान में पिछले महीने नई सरकार बनने के बाद से दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली बातचीत है।
वहीं, रूस के साथ भारत अपने संबंधों को लेकर संतुलन बनाए रखा है। इसके बावजूद, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अप्रैल 2021 में इस्लामाबाद का दौरा किया और आतंकवाद से लड़ने के नाम पर पाकिस्तान को एमआई -35 एम और एमआई -17 हेलीकॉप्टर जैसे अधिक विशेष सैन्य उपकरण की आपूर्ति करने का वादा किया। साथ ही रूस ने 2016 से द्विपक्षीय विशेष बलों के साथ अरब सागर में समुद्री अभ्यास भी किया, जिसे अरब मानसून कहा जाता है।
इमरान ने बाइडेन सरकार पर उठाए सवाल
पाकिस्तान और रूस संबंधों को गहरा करना चाहते हैं, यह तब स्पष्ट हो गया जब 24 फरवरी, 2022 को तत्कालीन पीएम इमरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए मॉस्को पहुंचे, जिस दिन मास्को ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था। 15 अगस्त, 2021 को काबुल पर तालिबान के कब्जे की प्रशंसा करने पर अमेरिका ने पाकिस्तान को लोकतांत्रिक सम्मेलन से बाहर रखा। अफगानिस्तान के मसलों में इस्लामाबाद को शामिल नहीं करने के लिए इमरान ने बाइडेन प्रशासन की आलोचना की।
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