डेस्क: मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच यमन के हूती विद्रोहियों ने अपनी ताकत का ऐसा प्रदर्शन किया है कि अमेरिका और इजराइल भी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. जहां हमास फिलहाल इजराइल पर कोई बड़ा हमला करने में असमर्थ दिख रहा है, वहीं हूती लगातार बैक-टू-बैक मिसाइल हमले कर रहे हैं. बीते तीन दिनों में हूती विद्रोहियों ने इजराइली और अमेरिकी ठिकानों पर कई हमले किए हैं, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं. अमेरिकी हमलों के बावजूद हूती अपनी आक्रामकता कम करने को तैयार नहीं हैं.
अमेरिका ने हाल ही में यमन के हूती-नियंत्रित इलाकों पर कई हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और 98 लोग घायल हुए. इसके बाद हूती ने अमेरिकी युद्धपोत USS Harry S. Truman को निशाना बनाने की कोशिश की. हालांकि, अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, ये दोनों हमले असफल रहे. बावजूद इसके, हूती ने ऐलान किया कि वे इस अमेरिकी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देंगे और हर हमले का बदला लेंगे.
हूती विद्रोही न सिर्फ अमेरिका बल्कि इजराइल के खिलाफ भी हमलावर हैं. गुरुवार को हूती विद्रोहियों ने इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल दागी. यह मिसाइल इजराइल की वायु सुरक्षा प्रणाली द्वारा बीच में ही नष्ट कर दी गई, लेकिन इससे पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया गया. हूती इससे पहले भी इजराइल पर हमले कर चुके हैं, खासकर तब जब गाजा में इजराइली हमले तेज हुए थे. हाल के हमलों के बाद इजराइल ने अमेरिका से गुहार लगाई कि वह हूती पर दबाव बनाए, लेकिन वॉशिंगटन ने फिलहाल खुद ही हालात को संभालने का फैसला किया.
हूती विद्रोही खुद को गाजा का रक्षक बताते हैं और उन्होंने इजराइल की घेराबंदी के खिलाफ प्रतिक्रिया के तौर पर हमले तेज कर दिए हैं. उनकी ओर से जारी बयान में कहा गया कि जब तक गाजा पर इजराइली नाकाबंदी जारी रहेगी, तब तक हूती भी अपने हमले जारी रखेंगे. हाल ही में इजराइल ने गाजा की ओर जाने वाली मानवीय सहायता को रोक दिया था, जिसके जवाब में हूती ने रेड सी में इजराइली जहाजों पर हमले करने की धमकी दी थी.
अमेरिका और इजराइल दोनों के लिए हूती विद्रोही अब एक बड़ी चुनौती बन चुके हैं. अमेरिका के हवाई हमलों के बावजूद हूती अपने हमलों को और तेज कर रहे हैं. सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि हूती की मिसाइल तकनीक बेहद उन्नत हो चुकी है और उनके पास ऐसे ड्रोन भी हैं जो लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम हैं. इसके चलते रेड सी और आसपास के इलाकों में व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं.
हूती विद्रोहियों की बढ़ती ताकत ने मध्य पूर्व में नए युद्ध की आशंका को जन्म दे दिया है. अगर अमेरिका और इजराइल के खिलाफ हूती के हमले जारी रहे, तो इन देशों को और कड़ी प्रतिक्रिया देनी पड़ सकती है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं. अमेरिका पहले ही कह चुका है कि वह हूती के खिलाफ अत्यधिक घातक जवाबी कार्रवाई करेगा. वहीं, हूती भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उन पर हमले जारी रहे, तो वे और बड़ा जवाब देंगे. ऐसे में यह साफ है कि आने वाले दिनों में यह संघर्ष और भयावह हो सकता है.
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