भोपाल। मप्र हाउसिंग बोर्ड प्रदेश में 1900 करोड़ की लागत वाली 23 रिडेंसीफिकेशन योजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें से 8 योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। जबकि अन्य में जल्द ही काम शुरू होगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि एक वर्ष में मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा रिडेंसीफिकेशन की योजनाएं विभिन्न शहरों में स्वीकृत की गई हैं। बुरहानपुर पैकज-1 पुराना जिला चिकित्सालय का पुनर्घनत्वीकरण योजना लागत 54 करोड़ 27 लाख, बुरहानपुर पैकज-2 जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालय पुनर्घनत्वीकरण लागत 45 करोड़, सीधी की पुनर्घनत्वीकरण योजना सम्राट चौक स्थित शासकीय कार्यायल परिसर लागत 55 करोड़, सिंगरौली पुनर्घनत्वीकरण योजना (ब्लॉक कॉलोनी एवं आरआई क्वार्टर की भूमि) 88 करोड़, मेघ नगर झाबुआ पुनर्घनत्वीकरण योजना 15 करोड़, उज्जैन पुनर्घनत्वीकरण योजना (राजस्व कॉलोनी) 88 करोड़ 60 लाख, खुरई पुनर्घनत्वीकरण योजना 47 करोड़ और थाटीपुर-ग्वालियर पुनर्घनत्वीकरण योजना 625 करोड़ रुपए की स्वीकृत की गई है।
इनमें कार्य प्रगतिरत है। इसी तरह बैतूल जेल पुनर्घनत्वीकरण योजना 70 करोड़, पुरानी सब्जी मंडी पुनर्घनत्वीकरण योजना 40 करोड़, बग्गी खाना दतिया पुनर्घनत्वीकरण योजना 80 करोड़ और शहडोल गांधी चौक स्थित वन विभाग की भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना 40 करोड़ रूपये की स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार भिंड सिंचाई कॉलोनी पुनर्घनत्वीकरण योजना लागत 70 करोड़, बारा सिवनी, बालाघाट पशु चिकित्सालय की भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना 46 करोड़, रीवा जल संसाधन विभाग गंगा कछार 70 करोड़, रीवा लोक निर्माण विभाग की सिरमोर चौराहा स्थित भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना 80 करोड़, रीवा बाण सागर परियोजना की भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना 85 करोड़, निवाड़ी (ओरछा) राजघाट कॉलोनी 40 करोड़, दमोह जेल पुनर्घनत्वीकरण योजना 98 करोड, श्योपुर पुराना कलेक्ट्रेट, पी.डब्ल्यू.डी. गोदाम एवं पुरानी तहसील की भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना 30 करोड़, कटनी तहसील की भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना 60 करोड़, इंदौर वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज की भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना 36 करोड़ और बैतूल पुरानी कलेक्ट्रेट की भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना 38 करोड़ रूपये की स्वीकृत की गई है।